रिठाला विधानसभा क्षेत्र : दिल्ली देहात, DDA कॉलोनियां और नियमित अनियमित कॉलोनियों का संगम
रिठाला विधानसभा के लिए आप और कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है जबकि भाजपा की तरफ से उम्मीदवार को मैदान में उतारना बाकी है।
Delhi Vidhansabha Election 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में रिठाला सीट एक बार फिर से चर्चा का केंद्र बन गई है। आम आदमी पार्टी (आप) ने मौजूदा विधायक महेंद्र गोयल को तीसरी बार मैदान में उतारा है। महेंद्र गोयल ने 2015 और 2020 के चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज की थी, और अब वे अपनी जीत की हैट्रिक बनाने के प्रयास में जुटे हैं। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी तक अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह मुकाबला दोनों दलों के बीच ही होगा। हालाँकि कांग्रेस की तरफ से सुशांत मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
रिठाला विधानसभा के बारे में
रिठाला विधानसभा क्षेत्र दिल्ली के रोहिणी जिले ( पुलिस जिला के अनुसार ) में स्थित है और इसे शहर के सबसे विविध क्षेत्रों में गिना जाता है। लगभग 25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस विधानसभा क्षेत्र में रोहिणी के कई सेक्टर आते हैं, साथ ही कई प्रमुख इलाके भी इस विधानसभा में शुमार हैं, जिनमें अधिकृत और अनिधिकृत दोनों तरह की कॉलोनियां शामिल हैं। कई कॉलोनियां ऐसी हैं, जो नियमित हो चुकी हैं तो वहीँ कई का नियमित होना बाकी है। इस विधानसभा की बात करें तो इसमें ग्रामीण या देहात का हिस्सा भी आता है, लेकिन कई गाँव की जमीन को DDA ने अधिग्रहण करते हुए यहाँ सेक्टर बसाये हैं।
यहाँ पर कई मॉल भी हैं और आंबेडकर अस्पताल प्रमुख सरकारी अस्पताल है। इसके अलावा दिल्ली सरकार का स्कूल ऑफ़ एक्सेलेंस भी है।
मेट्रो कनेक्टिविटी: रिठाला मेट्रो स्टेशन (रेड लाइन का आखिरी स्टेशन) इस क्षेत्र का प्रमुख केंद्र है, जो इसे दिल्ली के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।
जनसंख्या की विविधता: रिठाला विधानसभा की बात करें तो यहाँ वोटर की संख्या डेढ़ लाख से ज्यादा है, हालाँकि अब ये आबादी पिछले चुनाव की है, इस बार वोटरों की संख्या में इजाफा भी हुआ है। इस क्षेत्र में पूर्वांचल से आए लोग भी बसे हुए हैं, जो वोटर भी हैं। यही वजह है कि पूर्वांचली लोग भी चुनावी समीकरण में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा यहाँ के जो गाँव हैं, वो अधिकतर जाटों के हैं, इसलिए जाटों की भी अच्छी खासी आबादी है।
अनधिकृत कॉलोनियां: क्षेत्र में कई अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जिनमें से कुछ को नियमित किया जा चुका है, जबकि बाकी का रेगुलराइजेशन अभी लंबित है।
महेंद्र गोयल का ट्रैक रिकॉर्ड और वादे
महेंद्र गोयल 2015 से रिठाला विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अब तक के अपने दोनों कार्यकाल में क्षेत्र के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें सड़क निर्माण, सीवर लाइन, बेहतर जल आपूर्ति, और सार्वजनिक स्कूलों की हालत सुधारना प्रमुख है।
हालाँकि अब भी DDA के कई सेक्टर ऐसे हैं, जहाँ पर गलियों की हालत मिली जुली है।
महेंद्र गोयल जगह जगह ये दावा करते हैं कि उनके प्रयासों से रिठाला विधानसभा क्षेत्र में पिछले दस वर्षों में जितना विकास हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। इसके अलावा वो केजरीवाल की गारंटी की बात भी करते हैं।
आप उम्मीदवार की प्रमुख प्राथमिकताएं इस चुनाव में:
1. युवाओं के लिए रोजगार: गोयल इस चुनाव में लगातार ये वादा कर रहे हैं कि क्षेत्र के युवाओं को रोज़गार में मदद करेंगे। उनकी नौकरी के लिए प्रयास करेंगे।
2. सामाजिक न्याय: अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
3. स्वास्थ्य और शिक्षा: क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं और स्कूलों की स्थिति को और बेहतर बनाने का प्रयास रहेगा।
भाजपा की संभावनाएं और रणनीति
भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा अभी तक घोषण नहीं की है, लेकिन पार्टी ने रिठाला में मजबूत तैयारी शुरू कर दी है। 2020 के चुनाव में भाजपा ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन आप के खिलाफ जीत हासिल नहीं कर सकी। हालाँकि 2015 से पहले की बात करें तो ये सीट भाजपा की मजबूत सीट रही है। कुलवंत राणा यहाँ से 2 बार विधायक रहे हैं।
भाजपा की संभावित रणनीतियां:
1. पूर्वांचली वोटरों को साधना: इस समुदाय के मतदाता बड़ी संख्या में हैं और उनके लिए रोजगार और सुविधाओं का मुद्दा उठाया जा सकता है।
2. रेगुलराइजेशन का वादा: भाजपा अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए ठोस योजना पेश कर सकती है। पीने के पानी की समस्या को लेकर भी भाजपा आप की घेराबंदी करने की तैयारी में है।
3. स्थानीय चेहरा: पार्टी एक ऐसे उम्मीदवार को उतार सकती है, जो स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय हो और महेंद्र गोयल को कड़ी टक्कर दे सके।
जनता की मुख्य समस्याएं
रिठाला क्षेत्र में कई समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, जिन पर सभी पार्टियों का ध्यान है।
1. ट्रैफिक और पार्किंग: रोहिणी के सेक्टरों में ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या लगातार बढ़ रही है।
2. सफाई और कचरा प्रबंधन: इलाके में सफाई और कचरा प्रबंधन बेहतर किए जाने की आवश्यकता है।
3. बिजली और पानी: कुछ इलाकों में अब भी पानी की अनियमित आपूर्ति की समस्या बनी हुई है।
पिछले चुनावों का विश्लेषण
2015 में आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर भारी मतों से जीत दर्ज की थी। 2020 में, हालांकि आप को कुछ कम वोट मिले, लेकिन भाजपा और आप के बीच का अंतर 13,000 से ज्यादा वोटों का था। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार भी मुकाबला आप और भाजपा के बीच ही होगा। महेंद्र गोयल अपनी छवि और विकास कार्यों के दम पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि भाजपा स्थानीय मुद्दों और केंद्र सरकार की योजनाओं को भुनाने का प्रयास करेगी।
क्या कहती है जनता?
रिठाला के मतदाताओं की बात करें तो लोग यहाँ विधायक के काम से संतुष्ट भी हैं और नहीं भी है। यहाँ के लोगों की मिली जुली राय है। क्योंकि भाजपा से अभी उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं हुआ है, इसलिए अभी लोग भाजपा को लेकर अपनी राय खुल कर नहीं रख रहे हैं। लोगों का कहना है कि भाजपा किसे उम्मदीवार बनाती है, इस पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा। लोगों का ये भी कहना है कि वे ऐसे उम्मीदवार को चुनेंगे, जो उनकी रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान कर सके। रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, और सफाई जैसे मुद्दे उनके लिए प्राथमिकता हैं।
रिठाला विधानसभा का चुनाव इस बार भी दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। महेंद्र गोयल जहां अपनी पुरानी जीत को दोहराने की कोशिश करेंगे, वहीं भाजपा इस बार उनका विजय रथ रोकने के लिए पूरी ताकत लगाएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता का विश्वास किसके साथ होता है।
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