आखिर दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच किस बात की है खींचतान
बुधवार को जहाँ कांग्रेस नेता अजय माकन ने आप और अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाये थे तो वहीँ अब पलटवार करते हुए केजरीवाल ने कांग्रेस पर अजय माकन पर कार्रवाई करने की मांग की है
Delhi Vidhansabha Election 2025 : आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ता दिख रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच चल रही सियासी खींचतान अब खुले आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गई है। हाल ही में कांग्रेस नेता अजय माकन के बयानों ने इस तनाव को और गहरा कर दिया है, जिसके बाद AAP ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
AAP का कांग्रेस पर हमला
AAP के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के बड़े उम्मीदवार बीजेपी से पैसा लेकर दिल्ली के चुनावी मैदान में उतारे हैं। इतना ही नहीं अजय माकन ने 25 दिसम्बर को जिस तरफ से आप पर हमला बोला था, उसे लेकर केजरीवाल ने कांग्रेस को सीधे तौर पर माकन के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। AAP ने यह भी ऐलान किया है कि वह इस मुद्दे को INDIA गठबंधन की बैठक में उठाएगी और कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने की मांग करेगी।
केजरीवाल ने कहा, "कांग्रेस जानबूझकर दिल्ली में चुनावी समीकरण को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। यह साफ है कि बीजेपी और कांग्रेस अंदरखाने मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।"
कांग्रेस की रणनीति और माकन का बयान
अजय माकन ने हाल ही में एक बयान में AAP पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस की वापसी का समय आ गया है और पार्टी अपने खोए हुए वोट बैंक को फिर से हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंकेगी। माकन ने AAP पर यह भी आरोप लगाया कि उसने दिल्ली में भ्रष्टाचार और कुशासन को बढ़ावा दिया है।
अजय माकन ने 25 दिसम्बर को कांग्रेस का श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा था कि 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल को समर्थन देना कांग्रेस की बड़ी गलती थी और गठबंधन भी बड़ी भूल थी. अरविंद केजरीवाल भरोसे के योग्य नहीं हैं. उनकी कोई विचारधारा नहीं है.
इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल की ओर से आतिशी की गिरफ्तारी के दावों पर अजय माकन ने कहा कि आरोप लगाने की उनकी आदत है. ये ध्यान खींचने की कोशिश है. अरविंद केजरीवाल राजा की तरह रहते हैं, पार्टी का नाम आम आदमी रखा हुआ है.
कांग्रेस का यह प्रयास AAP के लिए चिंता का सबब बन गया है। पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा था, और उसका अधिकांश वोट बैंक AAP के पक्ष में शिफ्ट हो गया था। अब कांग्रेस के दोबारा मजबूत होने की संभावनाएं AAP की रणनीति को प्रभावित कर रही हैं।
INDIA गठबंधन में खटास
AAP और कांग्रेस दोनों INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन दिल्ली चुनावी रणनीतियों ने इस साझेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। AAP का यह बयान कि वह कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने की मांग करेगी, गठबंधन के अंदर दरार को और गहरा कर सकता है। गठबंधन के अन्य दलों ने इस विवाद पर अभी तक चुप्पी साधी हुई है, लेकिन इस मुद्दे पर होने वाली आगामी बैठक महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
वोट बैंक की लड़ाई
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस और AAP के बीच मुख्य संघर्ष वोट बैंक के विभाजन को लेकर है। 2015 और 2020 के चुनावों में: AAP ने कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक को अपने पक्ष में कर लिया था। अब की बात करें तो कांग्रेस अपने पुराने समर्थकों को फिर से जोड़ने की कोशिश कर रही है। अगर कांग्रेस इसमें सफल हो जाती है, तो यह AAP के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
चुनाव पर प्रभाव
यह सियासी खींचतान दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकती है। जहां AAP सरकार अपने कामकाज और नीतियों के दम पर दोबारा सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस इस प्रयास में है कि वो अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल कर सके और अपने वोट बैंक को फिर से अपने साथ जोड़ सके।
दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले AAP और कांग्रेस के बीच जारी यह सियासी खींचतान साफ दिखाती है कि दोनों पार्टियां चुनावी मैदान में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सियासी जंग का फायदा बीजेपी को मिलता है या नहीं ।
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