
डीयू छात्रसंघ चुनाव: वामपंथी संगठनों की फिर से एंट्री, क्या इस बार बदलेगा खेल?
DUSU Election 2025: इस बार आइसा और एसएफआई ने मिलकर डूसू चुनाव में तैयारी की है. छात्रों के मुद्दों पर केंद्रित प्रचार और संयुक्त रणनीति के साथ वाम संगठन पहली बार जीत की ओर देख रहे हैं.
DU elections left alliance: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव में इस बार वामपंथी छात्र संगठन आइसा (AISA) और एसएफआई (SFI) एक बार फिर से गठबंधन बनाकर चुनाव मैदान में उतरेंगे. गठबंधन के तहत आइसा के उम्मीदवार अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर चुनाव लड़ेंगे. वहीं, एसएफआई के उम्मीदवार उपाध्यक्ष और सचिव पद पर मैदान में होंगे.
पिछले साल भी बना था गठबंधन
पिछले साल भी दोनों संगठनों ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई सीट जीत नहीं सके थे. हालांकि, सचिव पद की उम्मीदवार ने अच्छी संख्या में वोट प्राप्त किए थे. इस बार दोनों संगठनों को उम्मीद है कि बेहतर प्रचार और छात्रों से संवाद के जरिए वे अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे.
एजेंडा
एसएफआई दिल्ली की सचिव आइशी घोष ने कहा कि हमने हमेशा धनबल और बाहुबल के खिलाफ आवाज उठाई है. पिछले साल गठबंधन को 9,000 वोट मिले थे. इस बार भी हम सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं.
आइसा डीयू अध्यक्ष सावी गुप्ता ने कहा कि आज शिक्षा प्रणाली पर हर तरफ़ से हमले हो रहे हैं. FYUP (चार वर्षीय कोर्स) ने पढ़ाई की गुणवत्ता को कमजोर किया है. हर कोर्स और कॉलेज में फीस बढ़ा दी गई है. मेट्रो किराए में बढ़ोतरी से छात्रों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है. हम इस चुनाव को इन मुद्दों की लड़ाई बनाएंगे.
अब तक वाम संगठनों को नहीं मिली जीत
साल 1954 से डूसू चुनाव हो रहे हैं, लेकिन अब तक वामपंथी संगठनों को एक भी बार जीत नहीं मिली है. अक्सर उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाती है. हालांकि, इस बार छपाई वाले पोस्टर और बैनर पर रोक लगा दी गई है, जिससे प्रचार अब जमीनी स्तर पर बातचीत और सोशल मीडिया पर केंद्रित होगा. इससे वाम संगठनों को उम्मीद है कि वे छात्रों के मुद्दों के आधार पर समर्थन जुटा पाएंगे.
डीयू महापंचायत का आयोजन
आइसा और एसएफआई ने 2 सितंबर को "डीयू महापंचायत" आयोजित करने की घोषणा की है, जिसमें छात्र हितों से जुड़ी 6 बड़ी मांगें रखी जाएंगी:-
1. SEC और VAC कोर्स खत्म किए जाएं.
2. आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली को हटाया जाए.
3. फीस वृद्धि पर रोक लगे.
4. छात्रों को रियायती मेट्रो पास मिले.
5. हर कॉलेज में आंतरिक शिकायत समिति बने.
6. सभी छात्रों को हॉस्टल सुविधा मिले.