विदेश में पढ़ाई करने के बाद एनडीए में हासिल की थी 18वीं रैंक, कर दिया था अयोग्य घोषित
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विदेश में पढ़ाई करने के बाद एनडीए में हासिल की थी 18वीं रैंक, कर दिया था अयोग्य घोषित

यूपीएससी का एग्जाम पास करना काफी मुश्किल है, लेकिन मेहनत हो तो कोई परीक्षा आप पास कर सकते हैं. आईएएस मनुज की कहानी है बड़ी दिलचस्प.


सबसे कठिन एग्जाम जो माना जाता है वो है यूपीएससी. यूपीएससी को पास करना कोई असान बात नहीं है. अपनी इस स्टोरी में हम आपको उस आईएएस अफसर की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने विदेश से पढ़ाई की थी. उन्होंने एनडीए को पास करके 18वीं रैंक हासिल की थी. लेकिन उन्हें किसी कारण अयोग्य घोषित कर दिया था. जिसके चलते वो डिप्रेशन में चले गए थे.

अब आप ये सोच रहे होंगे की हम किस की बात कर रहे हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं आईएएस मनुज जिंदल की जिन्होंने डिप्रेशन को मात देकर अपना एक नया सफर तय किसा और उस सफर में उन्हें जीत हासिल हुई. साथ ही ये सफर उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा था. मेहनत को अपनी ताकत बनाकर उन्होंने इस परीक्षा को पास किया. आपको बता दें, मनुज जिंदल ने अपने तीसरे ट्राई में इस एग्जाम को पास किया था.

अभी वो महाराष्ट्र कैडर के एक आईएएस ऑफिर हैं. मनुज जिंदल गाजियाबाद के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई देहरादून से की थी. जब वो 18 साल के थे तो उन्होंने यूपीएससी एनडीए का एग्जाम दिया था और ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की थी. फिर उसके बाद मनुज ने आईएएस का एग्जाम दिया और उसके बाद महाराष्ट्र कैडर में आए. मनुज ने अपनी पहली ट्रेनिंग को पास कर लिया था, लेकिन दूसरी ट्रेनिंग में एंग्जायटी और डिप्रेशन के शिकार हो गए थे. जिसकी वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था.

जब उनकी विदेश में पढ़ाई खत्म हुई तो वो वापस भारत लौट आए. भारत में आने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और वो प्रीलिम्स और मेन्स में पास तो गए, लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आ पाया. फिर उन्होंने UPSC परीक्षा को तीसरी बार में पास किया. उन्होंने ये परिक्षा साल 2017 में पास की थी.

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