
IAS Kumar Anurag का संघर्षों से लेकर दो बार UPSC परीक्षा पास करने तक ऐसा था सफर
कुमार अनुराग बिहार के कटिहार जिले के निवासी हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई आठवीं कक्षा तक हिंदी माध्यम से पूरी की थी.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं, जिससे प्रतियोगिता बेहद कठिन होती है. कुछ लोग पहली बार में ही सफल हो जाते हैं, जबकि कई को इसे पास करने में कई प्रयास लगाने पड़ते हैं. ऐसे ही एक प्रेरणादायक कहानी है IAS कुमार अनुराग की, जिन्होंने दो बार UPSC परीक्षा पास की और यह साबित किया कि सही योजना और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है.
कुमार अनुराग बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी शिक्षा 8वीं कक्षा तक हिंदी मीडियम में पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई शुरू की, जिससे उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. ये बदलाव उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने मेहनत जारी रखी. 10वीं और 12वीं की परीक्षा में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख किया.
दिल्ली में पढ़ाई के दौरान उन्हें कई विषयों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और कई बार असफलता भी मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. अंत में उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया और पोस्टग्रेजुएशन के लिए नामांकन लिया. सबसे खास बात ये है कि कुमार अनुराग ने UPSC परीक्षा दो बार लगातार पास की. अपनी पोस्टग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की. पोस्टग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह से UPSC की तैयारी में समर्पित कर दिया.
पहले प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास की, लेकिन IAS की रैंक नहीं मिली. फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दोबारा पूरी तैयारी के साथ परीक्षा दी. इस बार उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 48 हासिल की और अपने IAS बनने के सपने को पूरा किया. IAS अनुराग का मानना है कि बीता हुआ शैक्षणिक इतिहास कोई मायने नहीं रखता, अगर आप आज से एक नई शुरुआत करें.
पढ़ाई में जल्दबाजी न करें और हर विषय को गहराई से समझें.
मेहनत और एक ठोस रणनीति ही सफलता की कुंजी है.
अगर शुरुआत शून्य से भी करनी पड़े, तो भी सफलता संभव है.
कुमार अनुराग का सफर ये साबित करता है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर दृढ़ निश्चय और सही योजना के साथ प्रयास किए जाएं, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. उनकी कहानी UPSC की तैयारी कर रहे हर छात्र के लिए एक मिसाल है.