
IAS officer Pradeep Singh टैक्स ऑफिस में नौकरी करते हुए की थी UPSC की तैयारी
उन्होंने 2019 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की थी.
हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले प्रदीप सिंह ने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हो तो कोई भी सपना पूरा हो सकता है. उन्होंने 2019 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की थी. वो भी तब जब वो दिल्ली के टैक्स ऑफिस में काम कर रहे थे.
काम के साथ की UPSC की तैयारी
प्रदीप सिंह ने ग्रेजुएशन के बाद SSC की तैयारी की और टैक्स ऑफिस में जॉब मिल गई, लेकिन IAS बनने का सपना उन्होंने कभी छोड़ा नहीं. वो दोपहर के खाने के समय ऑफिस जाते वक्त YouTube पर लेक्चर सुनते और काम जल्दी खत्म कर के पढ़ाई में जुट जाते थे. उन्होंने बताया था कि मैं कोशिश करता था कि ऑफिस का काम जल्दी खत्म करूं, ताकि लंच टाइम में पढ़ाई कर सकूं.
समय प्रबंधन है सबसे बड़ी कुंजी
प्रदीप सिंह मानते हैं कि UPSC जैसी परीक्षा को बिना समय प्रबंधन के पास करना बहुत मुश्किल है. जब ऑफिस में काम कम होता, तो वो सीनियर्स से इजाजत लेकर जल्दी घर चले जाते और पढ़ाई करते. उनके सहकर्मियों और ऑफिस स्टाफ ने भी उनका पूरा समर्थन किया.
IAS बनने का सपना और संघर्ष
2015 में एक किराना दुकानदार की बेटी श्वेता अग्रवाल ने भी UPSC पास कर 19वीं रैंक हासिल की था. उन्होंने St. Joseph's Convent Bandel School से स्कूली पढ़ाई की और St. Xavier's College, कोलकाता से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. पहले प्रयास में उन्हें IRS मिला, फिर 2015 में रैंक 141, लेकिन तब भी IAS नहीं मिला. आखिरकार साल 2016 में तीसरे प्रयास में उन्होंने All India Rank 19 हासिल की और IAS अधिकारी बन गईं. उन्हें बंगाल कैडर मिला.
संघर्ष ही सफलता की कुंजी है
प्रदीप सिंह और श्वेता अग्रवाल दोनों की कहानियां हमें ये सिखाती हैं कि अगर हमारे इरादे पक्के हो तो हालात चाहे जैसे भी हों, कड़ी मेहनत और धैर्य से हर सपना साकार हो सकता है.