PhysicsWallah में गड़बड़झाला ?  फीस मामले में की वादाखिलाफी
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PhysicsWallah में गड़बड़झाला ? फीस मामले में की वादाखिलाफी

नीट-यूजी एग्जाम में करप्शन की बात कह फिजिक्सवाला के सीइओ अलख पांडे चर्चा में हैं. हालांकि उनके संस्थान पर ही कोलकाता के एक शख्स ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए


अलख पांडे और फिजिक्सवाला किसी पहचान के मोहताज नहीं है. ना जाने कितने छात्रों को इंजीनियर और डॉक्टर बना चुके हैं. क्लासरूम के अंदर वो बड़े बड़े सवालों को चुटकियों में हल कर तैयारी करने वाले छात्रों की परेशानी खत्म कर देते हैं. इसके साथ ही सड़क पर उतर कर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान भी छेड़ते हैं. सड़क से लेकर अदालत तक संघर्ष करते हैं. आपने देखा ही होगा कि नीट- यूजी एग्जाम 2024 में करप्शन के मुद्दे पर अपने नाम का सही इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन कोलकाता का एक शख्स मोहित लाल अपनी परेशानी को साझा करता है जो अलख पांडे के फिजिक्सवाला से जुड़ा है. जब मोहित लाल को फिजिक्सवाला की एडमिन टीम से दो महीने तक टालू जवाब मिलता रहा तो उन्हें सोशल मीडिया की मदद लेनी पड़ी.

सोशल मीडिया पर पीड़ित का छलका दर्द

मोहित लाल ने दिक्कत और कष्ट को शब्दों के जरिए कुछ इस तरह साझा किया. पहले उन्होंने अपनी परेशानी का शीर्षक दिया। PW (PhysicsWallah) द्वारा उनके ड्रॉपर बैच में शामिल होने के बाद किया गया घोटाला।

मैं अपनी बहन मिनिषा लाल (पंजीकरण संख्या 22307195) की ओर से लिख रहा हूं. मेरी बहन फिजिक्सवाला विद्यापीठ न्यूटाउन कोलकाता में बैच 14-PJ101MA की छात्रा है। 6 अप्रैल को काउंसलर सुमन आचार्जी (suman[dot]acharjee[at]pw[dot]live) की मदद से पंजीकृत किया गया था जो उनकी POC भी हैं, 10,000 रुपये के अग्रिम भुगतान के साथ और उनके द्वारा 14 अप्रैल को छात्रवृत्ति परीक्षा देने की सलाह दी गई थी। परीक्षा के माध्यम से, उनकी बहन को 30% रियायत (शुद्ध देय राशि 85,529.77 रुपये) मिली जो पहले 20% (देय राशि 92,359 रुपये) थी।

परीक्षा से पहले प्रोपेल्ड के साथ 4 महीने के लिए 20,500 रुपये की निश्चित राशि के साथ मासिक भुगतान ऋण की व्यवस्था की गई थी। बढ़ी हुई रियायत के कारण राशि कम होनी चाहिए (जो कि 6,829.23 रुपये है) थी। लेकिन एडमिशन के बाद फिजिक्सवाला स्टाफ इस समायोजन एडजस्टमेंट की जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। न ही वे support[at]pw[dot]live, alakh[at]pw[dot]live और founders[at]pw[dot]live को भेजे गए मेल का जवाब दे रहे हैं। वो पहले ही 2 महीने की किश्तें दे चुके है. क्योंकि स्टाफ ने पहली महीने की किश्त के बाद राशि समायोजित करने का वादा किया था। उन्हें नहीं पता कि इस मामले को कैसे आगे बढ़ाया जाए क्योंकि यह एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बहुत बड़ी राशि है।

सोशल मीडिया पर आने के बाद एक्शन

अलख पांडे (फिजिक्सवाला) NEET घोटाले में याचिका दायर करने वाले पहले लोगों में से एक थे। लेकिन अपनी ही कंपनी में अपने ही छात्र के साथ हो रहे घोटाले की परवाह नहीं कर रहे हैं। मैंने उनके कंप्यूटर से ली गई तस्वीर संलग्न की है जो नेगेटिव बैलेंस दिखा रही है।मेरा समर्थन करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद। उन्होंने इस तकनीकी गड़बड़ी को स्वीकार किया। न्यू टाउन ऑफिस के हेड काउंसलर निशानी और शुभम वर्मा ने इस मुद्दे को सुलझाया। पीडब्लू टीम ने मुझसे संपर्क किया और तुरंत इस समस्या का समाधान किया।आप सभी का पुनः धन्यवाद। लेकिन यहां सवाल अहम है कि यह तो वो मामला है जिसमें छात्र के परिजन जागरुक थे. उन्हें सोशल मीडिया की ताकत के बारे में अंदाजा था उसने सवाल उठाया और उसको जवाब भी मिला. लेकिन ऐसे हजारों लाखों की संख्या में छात्र हो सकते हैं जो इस तरह की समस्या से दो चार हो रहे होंगे.

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