सोच से भी अधिक ऊंचा है माउंट एवरेस्ट,क्या इसके लिए एक नदी है जिम्मेदार
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सोच से भी अधिक ऊंचा है माउंट एवरेस्ट,क्या इसके लिए एक नदी है जिम्मेदार

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट 8848 मीटर ऊंचा है या इससे भी अधिक। इस विषय पर अलग अलग दावे किये जाते रहे हैं।


Mount Everest Height News: सागरमाथा, माउंट एवरेस्ट को नेपाल में लोग इसी नाम से पुकारते हैं। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी। अभी तक हम लोग यही पढ़ते आए हैं कि इसकी ऊंचाई 8848 मीटर है। लेकिन जानकारी के मुताबिक ऊंचाई इससे भी अधिक होनी चाहिए। यही नहीं ऊंचाई के लिए एक नदी जिम्मेदार है। 89 हजार साल पहले हिमालय क्षेत्र में रिवर कैप्चर की घटना घटी और उसकी वजह से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 164 फीट बढ़ गई। एक अध्ययन के मुताबिक नदी की लंबाई सिर्फ 75 किमी थी।89 हजार साल पहले दूसरी नदी ने उसे कैप्चर किया और उस प्रक्रिया में इतना भूमि का क्षरण हुआ कि एक गहरा खड्ड बना और उस क्षरण की वजह से माउंट एवरेस्ट के आधार पर दबाव बढ़ा और उसकी वजह से ऊंचाई बढ़ गई।

के-2 और माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में फर्क
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ता एडम स्मिथ में लाइव साइंस नाम के एक पोर्टल को जानकारी दीष उन्होंने कहा कि भले ही दुनिया माउंट एवरेस्ट को 8848 मीटर ऊंचा मानती है। हकीकत में ऊंचाई इससे अधिक होनी चाहिए। स्मिथ बताते हैं कि हिमालय इलाके में चोटियों की ऊंचाई में करीब करीब 164 से लेकर 328 फीट का अंतर है यानी 50 से लेकर 100 मीटर का अंतर। लेकिन माउंट एवरेस्ट और दूसरी बड़ी चोटी के-2 की हाइट में करीब 250 मीटर का फर्क है। इससे पता चलता है कि कुछ मजेदार घटना हुई होगी।

2 मिलीमीटर की है रफ्तार
GPS डेटा के मुताबिक पता चलता है कि एवरेस्ट हर साल करीब .08 इंच यानी 2 मिलीमीटर की दर से बढ़ रहा है। यह किसी पर्वत श्रृंखला की ऊंचाई में होने वाली सामान्य दर से अधिक है। शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की क्या हिमालय की असामान्य नदियां इस बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार हो सकती है। स्मिथ ने कहा कि अरुण नदी अजीब है, यह L आकार में बहती है। अधिकांश नदियाँ पेड़ों जैसी दिखती हैं, जिनका तना अपेक्षाकृत सीधा होता है, और सहायक नदियां तने में बहती हैं। लेकिन अरुण अपने अपस्ट्रीम भाग के साथ पूर्व से पश्चिम बहती है, 90 डिग्री मुड़ने और हिमालय से दक्षिण की ओर बहने से पहले

इससे पता चलता है कि शायद नदी ने हाल ही में अपना रूप बदला है और शायद उसने किसी अन्य नदी को 'पकड़' लिया है। नेचर जियोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने संख्यात्मक मॉडल का उपयोग करके यह बताया कि कोसी नदी नेटवर्क जो चीन, नेपाल और भारत से होकर बहती है समय के साथ कैसे विकसित हुई। इसके बाद उन्होंने अपने मॉडलों की तुलना मौजूदा स्थलाकृति से की ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन सा सिमुलेशन सबसे उपयुक्त है।

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