NEET और JEE फॉर्म में नया बदलाव: अब फेस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य, लाइव फोटो का विकल्प
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रियल-टाइम फोटो कैप्चर का मकसद असली अभ्यर्थी के स्थान पर किसी और द्वारा परीक्षा देने और अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकना है।

NEET और JEE फॉर्म में नया बदलाव: अब फेस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य, लाइव फोटो का विकल्प

JEE Main , NEET UG 2026: एनटीए 2026 से नीट और जेईई मेन में फेस रिकग्निशन तकनीक पूरी तरह से लागू करने की तैयारी कर रहा है। फॉर्म में अभ्यर्थियों के लिए लाइव फोटो खींचने का विकल्प भी जोड़ा जाएगा।


एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) वर्ष 2026 से नीट और जेईई जैसी प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही आवेदन प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थियों के लिए लाइव फोटो खींचने का विकल्प भी जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि फॉर्म भरते समय अभ्यर्थियों को अपनी लेटेस्ट स्कैन की गई फोटो अपलोड करने के साथ-साथ वेबकैम या मोबाइल से लाइव फोटो भी अपलोड करनी होगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 में नीट परीक्षा में UIDAI ने आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन का पायलट परीक्षण ‘प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट’ (POC) किया था। यह परीक्षण दिल्ली के चुनिंदा नीट यूजी परीक्षा केंद्रों पर किया गया और यह एनटीए के परीक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार हुआ। परीक्षण से यह देखा गया कि परीक्षा केंद्रों पर फेस रिकग्निशन प्रक्रिया को अपनाना कितना व्यावहारिक है। बेहतर परिणामों के आधार पर इसे 2026 से बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में लागू करने की योजना है।

फेस रिकग्निशन सिस्टम चेहरे के कई विशिष्ट लक्षणों जैसे आंखों के बीच की दूरी और नाक के आकार का विश्लेषण करता है और AI आधारित प्रणाली के माध्यम से इसे संग्रहीत डेटा से मिलान करता है। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि यह ड्यूल वेरिफिकेशन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि जो व्यक्ति फॉर्म भर रहा है, वही परीक्षा में उपस्थित हो। अधिकारी ने बताया कि अब पुरानी फोटो स्वीकार नहीं की जाएंगी। रियल-टाइम फोटो कैप्चर का उद्देश्य असली अभ्यर्थी के स्थान पर किसी और द्वारा परीक्षा देने और अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकना है।

पेपर लीक के कथित मामलों के बाद निगरानी बढ़ाई गई है। ये कदम राधाकृष्णन समिति की सिफारिशों के अनुरूप उठाए जा रहे हैं, जो राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के संचालन की समीक्षा के लिए गठित की गई थी।

साथ ही, अगले साल से नीट यूजी परीक्षा नए पाठ्यक्रम के अनुसार होगी। नए सिलेबस में 11वीं और 12वीं के कोर पाठ्यक्रम के भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उन उम्मीदवारों को फायदा होगा जो इन विषयों की गहरी समझ रखते हैं, जबकि केवल कोचिंग पर निर्भर करने वाले उम्मीदवारों को चुनौती का सामना करना पड़ेगा। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने तीनों विषयों के नए सिलेबस का विवरण अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है और अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने छात्रों को नए सिलेबस के अनुसार पाठ्यसामग्री उपलब्ध कराने को कहा है।

एनडीए सरकार द्वारा 2017 में स्थापित एनटीए भारत में 15 प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं का संचालन करता है, जिनमें नीट-यूजी, जेईई मेन, CUET यूजी, UGC CSIR NET और UGC NET शामिल हैं।

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