बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं तो PhD छात्रों को फेलोशिप भी नहीं! DTU का बड़ा नियम
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बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं तो PhD छात्रों को फेलोशिप भी नहीं! DTU का बड़ा नियम

DTU में फेलोशिप अब सिर्फ BAS पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति के आधार पर दी जाएगी. अगर कोई छात्र किसी कारण से उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाता है तो उसे वजह बतानी होगी.


DTU PhD Students: दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DTU) ने पीएचडी कर रहे छात्रों के लिए एक नया नियम लागू किया है. अब छात्रों को हर दिन अपनी हाजिरी बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (BAS) के जरिए लगानी होगी. अगर छात्र की उपस्थिति पूरी होगी, तभी उसे फेलोशिप दी जाएगी.

DTU ने छात्रों को यह जानकारी एक नोटिस के जरिए दी है. फेलोशिप अब सिर्फ BAS पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति के आधार पर दी जाएगी. अगर कोई छात्र किसी कारण से BAS पर उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाता है तो उसे वजह बतानी होगी. ऐसे मामलों में छात्र के पीएचडी गाइड/पर्यवेक्षक कारणों की जांच कर उसे मान्यता देंगे.

उपस्थिति का समय और नियम

छात्र सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक किसी भी समय BAS मशीन पर हाजिरी लगा सकते हैं. हर दिन कम से कम 7 घंटे की उपस्थिति जरूरी होगी. अगर कोई छात्र 4 बार हाजिरी मिस करता है तो उसे 1 दिन की छुट्टी मानकर समायोजित किया जाएगा.

फेलोशिप में लापरवाही नहीं चलेगी

फेलोशिप के दावे केवल BAS रिपोर्ट के आधार पर ही माने जाएंगे. बाद में कोई अलग से रिक्वेस्ट या अपील स्वीकार नहीं की जाएगी. सभी फेलोशिप क्लेम्स को PG अकादमिक सेक्शन द्वारा ही देखा जाएगा.

BAS मशीन

DTU ने कुल 13 विभागों और स्थानों पर BAS मशीनें लगाई हैं, जैसे:- दिल्ली स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, इलेक्ट्रिकल, सिविल, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस और ECE विभाग, प्रशासनिक भवन, हॉस्टल ऑफिस, हेल्थ सेंटर, लाइब्रेरी व USME विभाग आदि.

किसे मानना होगा नियम?

अगस्त 2025 सत्र में दाखिल नए छात्र, पहले से पढ़ रहे छात्र, दोनों को यह नियम अनिवार्य रूप से मानना होगा.

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