Success Story: कई नौकरियां ठुकराईं, इसरो का ऑफर किया रिजेक्ट, तृप्ति भट्ट की थी IPS बनने की जिद्द
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Success Story: कई नौकरियां ठुकराईं, इसरो का ऑफर किया रिजेक्ट, तृप्ति भट्ट की थी IPS बनने की जिद्द

तृप्ति भट्ट ने आईपीएस बनने के लिए कई नौकरियां ठुकराई थी, लेकिन उन्होंने अपनी जिद्द को कायम रखा.


बहुत से लोगों का ये सोचना है कि एक अच्छी नौकरी के साथ अच्छा पैकेज मिल जाए तो लाइफ सेट है या फिर बड़ी कंपनी में बड़ा पैकेज लेने के बार संतुष्ट होता है. लेकिन कई लोगों के साथ ऐसा नहीं होता. सफलता की पूंजी बस बड़ी कंपनी में नौकरी पाने या लाखों का पैकेज मिलने या सरकारी नौकरी से नहीं होता. बल्कि ये होता है कि जिस फील्ड में आप काम कर रहे हो वहां आपको खुशी मिल रही है या नहीं. ये सब बातें उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रहने वाली तृप्ति भट्ट पर लागू होती है.

उत्तराखंड की रहने वाली तृप्ति भट्ट ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद कई सारे ऑप्शन थे. उनको कई प्राइवेट कंपनी और सरकारी कंपनियों में बडे़ पैकेज के साथ नौकरी का ऑफर था. जिन्होंने उन्हें ठुकरा दिया था. ऐसे में उनके कई साथी एक तरफ ऐसे ऑफर को पाने के लिए काफी महनेत कर रहे थे, तो इसी के साथ तृप्ति ने इसरो का ऑफर तक रिजेक्ट कर दिया था. तृप्ति ने कुल मिलाकर कई नौकरियों की परीक्षाएं पास की थी, लेकिन किसी कंपनी का ऑफर नहीं लिया. वो अपनी लाइफ में और कुछ बड़ा करना चाहती थी.

तृप्ति भट्ट ने अपने स्कूल की पढ़ाई बेर्शेबा स्कूल से की थी और फिर उसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई पंतनगर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की. इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने आईपीएस अधिकारी बनने का सपना देखा और उस सपने को पूरा करना चाहती थी. जब तृप्ति नौवीं क्लास में पढ़ती थी तो उन्हें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से मुलाकात करने का मौका मिला था. उस मुलाकात के दौरान उन्हें डॉ कलाम से एक पत्र मिला था. उस पत्र में कई प्रेरणास्पद बातें लिखी थीं, जिसे पढ़कर उन्हें आईपीएस बनने की प्रेरणा मिली. बस वहीं से उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की राह पकड़ ली. साल 2013 में तृप्ति भट्ट ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 165वीं रैंक हासिल करके आईपीएस बन गई.

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