
एसएससी में खामियों को लेकर छात्रों ने शुरू किया जंतर मंतर पर धरना
छात्रों का कहना है कि इन खामियों को जल्द से जल्द दूर किया जाए ताकि पारदर्शिता के साथ परीक्षा पूरी हो सके और देश के लाखों करोड़ों छात्रों को देश की सरकार पर भरोसा हो सके.
SSC Protest : देश के युवाओं के बीच रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. हर युवा को रोज़गार चाहिए और अगर बात सरकारी नौकरी की हो तो वो और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है. लेकिन बीते कुछ वर्षों में सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षा को लेकर विवाद खड़े होते रहे हैं, चाहे फिर बात पेपर लीक की हो या फिर प्रबंधन में खामियों की. इस बार भी SSC को लेकर छात्रों की और शिक्षकों के बीच से शिकायतें सामने आ रही हैं, जिसे लेकर अब छात्रों का प्रदर्शन भी शुरू हो चुका है. ये प्रदर्शन दिल्ली के जन्तर मंतर पर चल रहा है, जहाँ देश के अलग अलग इलाकों से छात्र पहुँच रहे हैं और उनके समर्थन में शिक्षक भी. देखना होगा कि ये प्रदर्शन बदलाव ला पायेगा या नहीं?
क्या है मुद्दा ?
दे फ़ेडरल देश ने जंतर मंतर पहुँच कर छात्रों से उनके मुद्दे जानने चाहे तो छात्रों ने बताया कि पिछले वर्ष तक एसएससी जो परीक्षा करवा रही थी, उसके वेंडर को इस बार बदल दिया गया है. इस नए बदलाव के बाद व्यवस्था में कई तरह की खामियां सामने आई हैं, जिसका सीधा असर छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है.
छात्रों ने जो कमियां समान रूप से बतायीं वो इस प्रकार है :-
परीक्षा से लगभग 15 से 24 घंटे पहले परीक्षा केंद्र की जानकारी दी जाती है. या भी चल जाए लेकिन केंद्र दूसरे राज्य में होता है, जो 500 किलोमीटर से 1000 किलोमीटर दूर या उससे भी ज्यादा हो सकता है. अब बताएं कि अभियर्थी कैसे कैसे करके परीक्षा केंद्र तक पहुँचता होगा.
तकनिकी खामियां - नए वेंडर के बाद से परीक्षा केंद्र पर तकनिकी खामियां भी देखने को मिल रही हैं, जैसे पुराने कंप्यूटर हैं. माउस ख़राब हैं. परीक्षा के बीच में स्क्रीन ऑफ हो जाती है. इन सब वजहों से जो समय बर्बाद होता है, उसे लेकर अभियार्थियों को अतिरिक्त समय नहीं दिया जाता है.
परीक्षा केन्द्रों पर असुविधाएं - छात्रों ने दावा किया कि जब से नया वेंडर आया है तब से जो परीक्षा केंद्र है वहां पर असुविधाओं की भरमार रहती हैं. परीक्षा केंद्र दूर होने के साथ साथ ऐसे भी होते हैं, जहाँ बेसिक सुविधाओं की कमी रहती है. एक विडियो तो ऐसा सामने आया कि परीक्षा केंद्र पर कपड़े सूख रहे थे.
सेंट्रल पुलिस ऑफिसर के पद को लेकर अधर में अटके युवाओं का भविष्य - जंतर मंतर पर हमें कुछ ऐसे छात्र भी मिले जो CPO( यानी सेंट्रल पुलिस ऑफिसर ) की मेन परीक्षा दे चुके हैं और अब उनका मेडिकल आदि सब अटक गया है. वजह है को क़ानूनी प्रक्रिया. इन छात्रों का कहना है कि क़ानूनी विवाद कुछ ही अभ्यर्थियों से जुड़ा हुआ है लेकिन परिणाम और प्रक्रिया सबकी रोक दी गयी है. अब हो ये रहा है की जो 25 साल की उम्र के हैं, वो इस बात को लेकर घबरा रहे हैं कि अगर समय रहते परिणाम घोषित नहीं होता या प्रक्रिया पूरी नहीं होती तो फिर वो अन्य परीक्षाओं में शामिल होने से रह जायेंगे या फिर अटक सकते हैं. मेडिकल न होने से भी कई तरह की समस्या है. हमारी मांग यही है कि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी की जाए.
शिक्षकों का क्या है कहना
हमने प्रदर्शन में छात्रों का समर्थन करने आये शिक्षकों गौरव शर्मा और अरुण कुमार से भी बात करके मसले को समझने की कोशिश की. शिक्षकों का कहना है कि छात्र ही उनका आधार हैं. युवा देश का भविष्य है और अगर उनके साथ ना इंसाफी होती है तो फिर देश के भविष्य का क्या होगा?
हमारे देश में ख़ासतौर से ग्रामीण इलाकों में सरकारी नौकरी को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह होता है. आज के हालत ऐसे हैं कि SSC जो देश में सरकारी नौकरी के लिए सबसे ज्यादा जानी जाती है, वहां खामिया नजर आ रही हैं. हम केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुँचाना चाहते हैं. गुरुवार को हमने प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन नारेबाजी को लेकर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. कुछ शिक्षक घायल भी हुए हैं. हम केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह से मिलने का प्रयास कर रहे हैं. हमारी बात उन तक पहुँच जाए तो हमें उम्मीद है कि हमारी मांग पूरी होगी.