Success Story: सिर पर नहीं था पिता का हाथ, अधिकारी बनकर पूरा किया उनका सपना
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Success Story: सिर पर नहीं था पिता का हाथ, अधिकारी बनकर पूरा किया उनका सपना

प्रज्वल के जन्म होने से पहले ही उनके पिता कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे. बड़े होकर उन्होंने अपने अपने माता-पिता का सपना साकार कर दिखाया.


कारगिल युद्ध में प्रज्वल के जन्म होने से पहले ही उनके पिता लांस नायक कृष्णजी समरित शहीद हो गए थे. प्रज्वल का जन्म उनके पिता के शहीद होने के 45 दिन बाद हुआ था. उनके माता-पिता का सपना था कि उनका बेटा बड़ा होकर आर्मी अफसर बनें. फिर क्या था उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपने सपने को साकार किया. पिता की शहादत के सालों बाद वो अधिकारी बन गए. लेकिन उन्हें इस बात का आज भी अफसोसल है कि उनके जन्म से पहले उनके पिता कारगिल युद्ध में शहीद हो गए.

प्रज्वल के लिए आर्मी में अधिकार बनना इतना आसान नहीं था. उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए 9 बार एसएसबी का इंटरव्यू दिया था. जब वो अपना 9वीं बार एसएसबी का इंटरव्यू देने जा रहे थे तो उन्होने ये सोच लिया था कि ये मेरा आखिरी है. प्रज्वल ने इंटरव्यू के दौरान बताया मैंने आखिरी बार के लिए कड़ी मेहनत की थी, जो कमियां मुझे दिखी, मैंने उसपर सबसे ज्यादा काम किया. उनके घर में भी सभी लोग काफी अच्छी पोस्ट में हैं.

प्रज्वल के बड़े भाई कुनाल ने इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है. भाई को देख उन्होंने पिता के सपने को पूरा करने की ठानी थी. साथ ही उनके घर के सभी लोग चाहते थे कि प्रज्वल अपने सपने को पूरा करें. प्रज्वल ने बताया था कि मेरे पास एक बैकअप प्लान भी था. मैंने कैट की परीक्षा भी क्वालीफाई कर ली थी. इसके साथ ही उनके पास आईआईएस इंदौर और कोझिकोड से भी ऑफर मिला था.

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