
Success Story: Veer Pratap Singh Raghav ने लोन लेकर की थी UPSC की तैयारी
वीर प्रताप ने अपनी प्राथमिक शिक्षा आर्य समाज स्कूल करौरा और माध्यमिक शिक्षा सूरजभान सरस्वती विद्या मंदिर, शिकारपुर से पूरी की थी.
उत्तर प्रदेश के दलपतपुर गांव में जन्मे वीर प्रताप सिंह राघव ने अपने तीसरे प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 92वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया. आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने कभी अपने सपनों को नहीं छोड़ा. वीर प्रताप ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आर्य समाज स्कूल करौरा से और माध्यमिक शिक्षा सूरजबान सरस्वती विद्या मंदिर शिकारपुर से पूरी की. उनके गांव में पुल नहीं होने की वजह से उन्हें रोज 5 किलोमीटर पैदल चलकर और नदी पार करके स्कूल जाना पड़ता था.
साल 2015 में उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया. इसके बाद, उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की थी. साल 2016 और साल 2017 में असफल रहे, लेकिन हार नहीं मानी. फिर उसके बाद साल 2019 में तीसरे प्रयास में सफल होकर UPSC में 92वीं रैंक हासिल की थी. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. फिर भी वीर प्रताप ने लोन लेकर UPSC की तैयारी की. उनके बड़े भाई भी IAS बनना चाहते थे, लेकिन पैसों की कमी के कारण CRPF में भर्ती हो गए.
UPSC में उन्होंने फिलॉसफी को वैकल्पिक विषय चुना और मुख्य परीक्षा में 500 में से 306 अंक प्राप्त किए। उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष रंग लाया और उन्हें तमिलनाडु में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया. वीर प्रताप की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं. उन्होंने ये साबित कर दिया कि आर्थिक तंगी और संघर्ष आपकी सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकते.