
Success Story: सब्जी बेचने वाले की बेटी बनी अफसर, मां ने गिरवी रखे थे गहने
सब्जी बेचने वाले की बेटी ने ऑल इंडिया में 492 रैंक हासिल की थी और पांचवें प्रयास में पाई थी सफलता.
महाराष्ट्र के सोलापुर की रहने वाली स्वाति मोहन राठौड़ ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के बल पर UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में ऑल इंडिया रैंक 492 हासिल की थी. आर्थिक कठिनाइयों से जूझते हुए भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और पांचवें प्रयास में सफलता पाई.
मां के त्याग और संघर्ष की कहानी
स्वाति एक साधारण परिवार से आती हैं. जहां उनके माता-पिता सब्जी बेचकर घर चलाते थे. परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी, लेकिन उनकी मां ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए सोना तक गिरवी रख दिया. उनकी मां के इस बलिदान ने स्वाति को आगे बढ़ने की हिम्मत दी.
गरीबी के बावजूद मजबूत इरादे
चार बहनों में से एक स्वाति ने सरकारी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने वालचंद कॉलेज, सोलापुर से भूगोल में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की. यहीं पर उन्हें पहली बार UPSC परीक्षा के बारे में जानने का मौका मिला और उन्होंने ठान लिया कि वो सिविल सेवा में जाएंगी.
पांच बार असफलता, लेकिन हार नहीं मानी
स्वाति के लिए ये सफर आसान नहीं था. उन्होंने पांच बार UPSC परीक्षा दी और हर बार असफलता हाथ लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. हर असफलता से सीख लेकर वो और मजबूत बनीं और आखिरकार 2023 में अपने सपने को साकार कर दिखाया. जब स्वाति ने अपनी सफलता की खबर अपने माता-पिता को दी, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे समाज का गर्व बना दिया. स्वाति मोहन राठौड़ की ये कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं.