
UPSC Success Story: गरीबी से DRDO में डिप्टी डायरेक्टर बनने तक का सफर
अगर इंसान में हौसला और आत्मविश्वास हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है.
यूपी के फतेहपुर जिले से आने वाले आदित्य पटेल की कहानी इसी बात का उदाहरण है. एक किसान के बेटे से लेकर DRDO (Defence Research and Development Organisation) में डिप्टी डायरेक्टर बनने तक का उनका सफर बहुत प्रेरणादायक है. आदित्य के पिता एक साधारण किसान हैं, जो चावल और गेहूं की खेती करते थे. आदित्य का बचपन गांव में ही खेती और सादगी के माहौल में बीता. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूल में की. बचपन से ही उन्होंने गरीबी को बहुत करीब से देखा, लेकिन उनके पिता ने कभी भी आर्थिक तंगी को बच्चों की पढ़ाई के रास्ते में नहीं आने दिया.
पिता की प्रेरणा और UPSC का सफर
आदित्य तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं. उनका एक भाई आज भी गांव में खेती करता है और दूसरा भाई SBI में सीनियर मैनेजर है. आदित्य ने किसी तरह से ग्रेजुएशन पूरा किया और एक शिक्षक बन गए, लेकिन उनके पिता का सपना था कि बेटा जिलाधिकारी (District Magistrate) बने. तब तक आदित्य को UPSC परीक्षा के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी. उन्होंने इस बारे में अपने बड़े भाई से बात की. साल 2017 में आदित्य ने UPSC CSE परीक्षा पास की और 919वीं रैंक हासिल की. इसके बाद उन्होंने वायुसेना (Air Force) में सेवा की और अब वो DRDO के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (AR&DE) में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.
अब गरीब छात्रों की मदद करते हैं
आज आदित्य उसी मुखर्जी नगर, दिल्ली के कोचिंग सेंटर में मुफ्त में पढ़ाते हैं, जहां उन्होंने खुद पढ़ाई की थी. वो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को IAS बनने की तैयारी में मदद करते हैं. वो उन्हें पढ़ाते हैं, गाइड करते हैं, मोटिवेट करते हैं और सही दिशा दिखाते हैं. आदित्य पटेल की कहानी हमें सिखाती है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर हिम्मत और मेहनत हो, तो सपने पूरे किए जा सकते हैं. वो ना सिर्फ खुद सफल हुए, बल्कि अब दूसरों को भी सफल बनाने का काम कर रहे हैं.