UPSC Success Story: Shweta Bharti ने बिना कोचिंग और नौकरी के साथ बनी IAS ऑफिसर
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UPSC Success Story: Shweta Bharti ने बिना कोचिंग और नौकरी के साथ बनी IAS ऑफिसर

बिना कोचिंग और नौकरी के साथ UPSC पास करना आसान नहीं होता, लेकिन श्वेता भारती ने इसे संभव कर दिखाया.


साल 2021 में बिहार की श्वेता भारती ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा पास कर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी बनने का सपना साकार किया. आमतौर पर इस परीक्षा की तैयारी के लिए विशेषज्ञ रोजाना 10-12 घंटे पढ़ाई करने की सलाह देते हैं, लेकिन श्वेता ने अपनी नौकरी के साथ पढ़ाई का सही तालमेल बैठाकर इस धारणा को गलत साबित कर दिया.

श्वेता भारती का जन्म बिहार के नालंदा जिले के राजगीर बाजार में हुआ. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के ईशान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक किया. पढ़ाई में शुरू से ही मेधावी रहीं श्वेता को डिग्री पूरी करने के बाद प्रतिष्ठित आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) में नौकरी मिल गई.

नौकरी के साथ UPSC की तैयारी

श्वेता भारती ने शुरुआत में नौकरी के साथ ही यूपीएससी की तैयारी करने का निर्णय लिया, क्योंकि परिवार की आर्थिक ज़िम्मेदारियों के चलते वो अपनी नौकरी नहीं छोड़ सकती थीं. उन्होंने दिन में 9 घंटे की नौकरी करने के बाद शाम और रात को पढ़ाई की. हालांकि नौकरी के साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना उनके लिए आसान नहीं था. उन्होंने सोशल मीडिया और ऑनलाइन डिस्ट्रैक्शन से खुद को पूरी तरह दूर कर लिया. एक समय तो उन्होंने स्मार्टफोन का इस्तेमाल तक छोड़ दिया, ताकि पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें.

BPSC सफलता और UPSC की ओर बढ़ता सफर

साल 2020 में श्वेता भारती ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 65वीं परीक्षा में 65वीं रैंक हासिल की और बिहार सरकार में जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) के रूप में नियुक्त हुईं. हालांकि, उनका सपना IAS बनना था, इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी. लगातार मेहनत और लगन के बाद आखिरकार 2021 में श्वेता भारती ने UPSC परीक्षा पास कर 356वीं रैंक हासिल की. वो वर्तमान में बिहार के भागलपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं.

श्वेता भारती की सफलता से क्या सीख सकते हैं?

सही टाइम मैनेजमेंट से आप नौकरी के साथ भी यूपीएससी की तैयारी कर सकते हैं. सोशल मीडिया और कई अनावश्यक चीजों से बचना जरूरी है. सफलता रातों-रात नहीं मिलती, लगातार मेहनत और धैर्य जरूरी है. श्वेता भारती की ये प्रेरणादायक कहानी उन सभी अभ्यर्थियों के लिए उम्मीद की किरण है, जो बिना कोचिंग और नौकरी के साथ यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करने का सपना देखते हैं.

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