मिलिए उस महिला से, जो DTC बस ड्राइवर की बेटी हैं और UPSC में AIR... हासिल करने में सफल हुईं
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Preeti Hooda

मिलिए उस महिला से, जो DTC बस ड्राइवर की बेटी हैं और UPSC में AIR... हासिल करने में सफल हुईं

दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) के बस ड्राइवर की बेटी, उन्होंने वित्तीय समस्याओं और समाजिक दबावों को पार कर अपने सपने को हासिल किया.


प्रिटी हुड्डा की यात्रा जो एक साधारण परिवार से आईं और आईएएस अधिकारी बनने तक पहुंचीं. ये कड़ी मेहनत और संकल्प की सच्ची कहानी है. दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) के बस ड्राइवर की बेटी, उन्होंने वित्तीय समस्याओं और समाजिक दबावों को पार कर अपने सपने को हासिल किया.

प्रिटी हुड्डा जो दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) के बस ड्राइवर की बेटी हैं. उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए वित्तीय संघर्षों को हराया. उन्होंने UPSC परीक्षा में AIR 288 हासिल किया. ये साबित करते हुए कि कड़ी मेहनत और स्मार्ट तैयारी से सफलता प्राप्त की जा सकती है. प्रिटी हुड्डा का जन्म और पालन-पोषण हरियाणा के बहादुरगढ़ में हुआ. एक ऐसे परिवार में जहां वित्तीय संसाधन सीमित थे. उनके पिता ने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए DTC में बस ड्राइवर के तौर पर कड़ी मेहनत की. वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद, प्रिटी ने अपनी शिक्षा और सपनों को पूरा करने की ठानी.

प्रिटी की यात्रा आसान नहीं थी. उन्होंने UPSC परीक्षा के लिए हिंदी अपनी मातृभाषा को चुना, जिससे उनकी तैयारी अलग थी. उनका पहला प्रयास असफल रहा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इसके बजाय उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और अपनी रणनीति को सुधार लिया. प्रिटी ने हमेशा शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया. कक्षा 10 में उन्होंने 77% और कक्षा 12 में 87% अंक प्राप्त किए. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के लक्ष्मीबाई कॉलेज से हिंदी में डिग्री हासिल की और जेएनयू से हिंदी में Ph.D. की, जहां उनका सिविल सेवाओं में रुचि और गहरी हो गई.

अकादमिक उत्कृष्टता के बावजूद परिवार की वित्तीय समस्याओं ने परिवार को सलाह दी कि वो अपनी पढ़ाई छोड़कर शादी का विचार करें. हालांकि, प्रिटी ने अपने लक्ष्य के प्रति अपनी दृढ़ता बनाए रखी. उन्होंने अपने पिता के विश्वास से प्रेरित होकर अपनी पढ़ाई जारी रखी. प्रिटी की UPSC की तैयारी केवल लंबी पढ़ाई के घंटों पर आधारित नहीं थी, बल्कि स्मार्ट काम पर आधारित थी. प्रिटी हुड्डा की सफलता ये साबित करती है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ता, और सही रणनीति किसी भी बाधा को पार कर सकती है. उनकी कहानी UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है. ये दिखाती है कि संकल्प के साथ, सबसे कठिन चुनौतियों को भी जीता जा सकता है.

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