अम्बाला में बीजेपी लगा पायेगी हैटट्रिक या नहीं
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अम्बाला में बीजेपी लगा पायेगी हैटट्रिक या नहीं

बीजेपी की बंतो कटारिया और कांग्रेस के वरुण चौधरी हैं मैदान में


अम्बाला

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से एक है अम्बाला लोकसभा सीट, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट की बात करें तो इसका अस्तित्व 1952 में बना. पहले चुनाव में यहाँ कांग्रेस ने बाजी मारी. अभी तक अम्बाला सीट पर 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, इसमें 9 बार कांग्रेस, 5 बार बीजेपी व 3 बार अन्य दलों ने जीत हासिल की है. 2014 और 2019 में यहाँ की जनता ने बीजेपी को वोट देकर विजयी बनाया है. देखना है कि क्या इस बार बीजेपी अम्बाला सीट से हैटट्रिक लगा पाती है या नहीं.

अंबाला लोकसभा सीट के अंतर्गत ये विधानसभा आती हैं

पंचकुला, कालका, नारायणगढ़, अम्बाला सिटी, अंबाला कैंट, मुलाना-SC, साढौरा-SC, जगाधारी और यमुनानगर आती हैं.

पंजाबी और सिख वोटरों की संख्या भी है अच्छी

अम्बाला जिला की सीमाएं पंजाब और हिमाचल से लगती हैं. इसके अलावा यहाँ सेना की छावनी भी है. क्योंकि इस लोकसभा सीट में पंचकुला भी आता है तो उस लिहाज से भी ये बेहद महत्वपूर्ण सीट हो जाती है. पंचकुला हरियाणा की प्रशासनिक राजधानी है. आबादी की बात करें तो यहाँ बड़ी संख्या में पंजाबी और सिख भी रहते हैं.

कितने वोटर्स हैं अम्बाला सीट पर

अंबाला लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 19 लाख 96 हजार 168 है. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 10 लाख के आसपास है और महिला मतदाताओं की संख्या 9 से ज्यादा है. जबकि थर्ड जेंडर मतदाता 76 है. अंबाला लोकसभा चुनाव में कुल 19812 बूथ हैं. वैसे तो अम्बाला में बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस का जोर ज्यादा रहा है लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहाँ जीत हासिल की है.

बीजेपी और कांग्रेस में है कड़ा मुकाबला

बीजेपी ने इस बार बंतो देवी कटारिया को प्रत्याशी बनाया है. बंतो देवी भाजपा के दिवंगत सांसद रत्न लाल कटारिया की पत्नी हैं. रत्न लाल कटारिया की मृत्यु 2023 में हो गयी थी. वहीं कांग्रेस ने वरुण चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है.

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