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क्या ट्री कैपिटल को छीन पाएगी कांग्रेस, पिछले नतीजों से समझिए
गांधीनगर लोकसभा सीट पर यदि नजर डालें तो पिछले 30 साल से बीजेपी का कब्जा रहा है. इस सीट से दूसरी बार गृहमंत्री अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं,
Gandhinagar LokSabha News: गुजरात, पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य है. जाहिर सी बात है कि आम चुनाव में चर्चा तो होनी ही है. अगर 2014 और 2019 के नतीजों की बात करें तो बीजेपी को सभी 26 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. उस लिहाज से 2024 का चुनाव बीजेपी और गैर बीजेपी दोनों दलों के लिए बेहद अहम है. जहां नरेंद्र मोदी और अमित शाह के सामने 26 सीटों की हैट्रिक की वहीं विपक्षी दलों को खाता खोलने की चुनौती हैं. वैसे तो पीएम नरेंद्र मोदी यहां की किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ते. उन्होंने अपनी कर्मभूमि का चुनाव वाराणसी किया. लेकिन गृहमंत्री अमित शाह गांधीनगर सीट से एक बार भी चुनावी कसरत में जुटे हुए हैं.
1989 से बीजेपी का कब्जा
अगर इस सीट पर नजर डालें तो 1989 से लेकर आज की तारीख में बीजेपी का कब्जा है. इस सीट को आप बीजेपी का गढ़ कह सकते हैं. हालांकि 1989 से पहले इस सीट पर कांग्रेस और जनता पार्टी का कब्जा रहा है. अभी मौजूदा समय में गृहमंत्री अमित शाह को कांग्रेस की सोनल पटेल चुनौती पेश कर रही हैं. हालांकि उससे पहले इस सीट पर मतदाताओं की संख्या के साथ साथ दूसरे समीकरणों को समझने की जरूरत है.यहां कुल वोटर्स की संख्या 18 लाख के करीब है. पुरुष और महिला मतदाता करीब करीब बराबर हैं. इस लोकसभा में गांधीनगर उत्तर, घाटलोडिया, साबरमती, कलोल, वेजलपुर, साणंद और नारणपुरा हैं.
2014 के आम चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी ने जीत हासिल की थी. हालांकि 2019 के चुनाव में अमित शाह ने शिरकत की और जीत भी दर्ज की. अगर बीजेपी और कांग्रेस के मतों के प्रतिशत को देखें तो अंतर काफी अधिक है. बीजेपी को 2014 के चुनाव में 68 फीसद वहीं 2019 में 69 फीसद जबकि कांग्रेस को 25 और 26 फीसद मत मिले थे. अगर इन आंकड़ों को देखें तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि किसका पलड़ा भारी है.हालांकि सियासत में जीत और हार वोटों के प्रतिशत को देखकर नहीं तय कर सकते. किसी पार्टी या उम्मीदवार की जीत और हार में वोटर्स के साथ केमिस्ट्री भी काम करती है.
विधानसभाओं पर भी बीजेपी का कब्जा
गांधीनगर की सभी सातों विधानसभा पर भी बीजेपी का कब्जा है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थानीय मुद्दों पर भी लोग बीजेपी के साथ हैं. हालांकि यहां पर गांधीनगर के शहरी और ग्रामीण हिस्सेदारी का जिक्र करेंगे. मसलन गांधीनगर सीर पर शहरी आबादी 79 फीसद और ग्रामीण आबादी 21 फीसद है. अगर सामाजिक समीकरण की बात करें तो एसी 11 और एसटी आबादी 1 फीसद है.मुस्लिम समुदाय की आबादी चार फीसद है. सियासत के जानकार कहते हैं कि कांग्रेस ने भले ही सोनल पटेल को चुनवी मैदान में उतारा हो जमीन पर उनका असर सांकेतिक ही नजर आ रहा है.
ट्री कैपिटल से भी गांधीनगर की पहचान
इस संसदीय सीट की खासियत यह है कि यहां महात्मा गांधी की कर्मभूमि है, गांधी जी के ही नाम पर इसका नामकरण किया गया. खास बात यह है कि इस शहर को ट्री कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर 54 फीसद हिस्से में पेड़ है. 1970 में इसे गुजरात की राजधानी बनाया गया. उससे पहले राजधानी अहमदाबाद थी.