हरियाणा की वो सीट जहाँ बंसी लाल के पोता पोती आमने सामने ! जनता किसे पहनाएगी जीत का ताज
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हरियाणा की वो सीट जहाँ बंसी लाल के पोता पोती आमने सामने ! जनता किसे पहनाएगी जीत का ताज

हरियन की तोशाम विधानसभा सीट पर बंसी लाल की पोती श्रुति चौधरी बीजेपी से तो पोता अनिरुद्ध चौधरी कांग्रेस से उम्मीदवार हैं. श्रुति की माँ किरण चौधरी यहाँ से 4 बार की विधायक हैं. वो बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं.


Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभ चुनाव में अब एक सीट पर बहन और भाई आमने सामने मैदान में हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस सीट पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और तीन लालों में से के बंसीलाल के वंशज आमने सामने आ गए हैं, देखना ये होगा कि परिवार की इस विरासत के लिए जनता किसके माथे पर जीत का तिलक लगाती है. ये सीट है जिला महेंद्र गढ़ के तहत आने वाली तोशाम विधानसभा, जहाँ पर चचेरे भाई बहन आमने सामने हैं.


बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से हैं उम्मीदवार
तोशाम सीट पर बीजेपी ने श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. श्रुति चौधरी हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुकी किरण चौधरी की बेटी हैं. श्रुति के पिता सुरेन्द्र चौधरी, बंसी लाल के बेटे हैं. वहीँ कांग्रेस ने इस सीट से अनिरुद्ध सिंह को मैदान में उतारा है. अनिरुद्ध सिंह के पिता रणबीर सिंह महेंद्रा बंसीलाल के बेटे हैं. रणबीर सिंह बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वहीँ अनिरुद्ध चौधरी की बात करें तो वो भी बीसीसीआई के ट्रेजरर रह चुके हैं.

किरण चौधरी का गढ़ रहा है तोशाम
तोशाम विधानसभा की बात करें तो ये किरण चौधरी यहाँ से कई बार विधायक रही हैं. वैसे तो ये सीट बंसीलाल की विरासत है, जिस पर उनकी बहु किरण चौधरी ने चुनाव लड़ा और उस पर बंसीलाल परिवार की विरासत को कायम रखा. किरण चौधरी ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दिया, जिसके बाद वो बीजेपी में शामिल हुईं और बीजेपी से उन्हें राज्य सभा में भेज दिया गया.

भूपिंद्र हूडा से नहीं बनी
दरअसल किरण चौधरी का कांग्रेस से नाता तोड़ने के पीछे की प्रमुख वजह भूपिंद्र हूडा को बताया जाता है. कांग्रेस के अन्दर से ये खबर है कि किरण चौधरी और भूपिंद्र हूडा की कभी नहीं बनी. आला कमान ने भी किरण चौधरी से ज्यादा भूपिंद्र हूडा को महत्व दिया है, इन्हीं सबकी वजह से किरण चौधरी ने कांग्रेस से इस्तीफा भी दिया.

श्रुति की नहीं बल्कि किरण की है परीक्षा
तोशाम सीट पर उम्मीदवार बेशक श्रुति चौधरी हैं लेकिन असल परीक्षा उनकी माँ किरण चौधरी की है. किरण चौधरी यहाँ लम्बे समय तक विधायक रही हैं हैं. अभी तक इस सीट पर कांग्रेस और कांग्रेस से अलग होने के बाद बंसीलाल की अगुवाई में बनी हरियाणा विकास पार्टी ही जीती है. ऐसे में 2005 से लेकर 2024 तक विधायक रही किरण चौधरी के सामने तोशाम में कमल खिलाने की बड़ी चुनौती है. बंसी लाल की विरासत को उन्होंने यहाँ आगे बढाया है. इस बार के चुनाव में उनकी बड़ी परीक्षा है. इसके दो बड़े कारण हैं, एक तो ये कि इस बार उनकी जगह उनकी बेटी मैदान में हैं और दूसरी ये कि इस बार वो कांग्रेस से नहीं बल्कि बीजेपी की उम्मीदवार है.
वहीँ कांग्रेस ने भी सोची समझी रणनीति के तहत बंसीलाल के परिवार से ही उम्मीदवार को मैदान में उतरा है. बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ रह हैं.
इसके अलावा जेजेपी ने इस सीट से राजेश भारद्धाज को मैदान में उतारा है. अगर 2019 चुनाव की बात करें तो किरण चौधरी ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और वो चौथी बार इस सीट से जीतीं थीं. उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार शशि रंजन परमार को 18 हजार वोटों से हराया था.


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