चार राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने शुरू की तैयारी
महाराष्ट्र, झारखण्ड, हरियाणा और जम्मू -कश्मीर के लिए नियुक्त किये प्रभारी और सह प्रभारी. साल के आखिर में हो सकते हैं चारों जगह पर विधानसभा चुनाव
Election Mode: लोकसभा चुनाव के बाद अब 18वीं लोकसभा के तहत केंद्र सरकार का गठन हो चुका है. सरकार बनाते ही बीजेपी बजाये आराम करने के फिर से चुनावी मोड में आ गयी है. बीजेपी ने चार राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के मद्दे नज़र प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. इन प्रभारियों में केन्द्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं. जिन चार राज्यों के लिए बीजेपी ने प्रभारी और सह-प्रभारी बियुक्त किये हैं, वो हैं महाराष्ट्र, हरियाणा, झाखंड और जम्मू-कश्मीर.
बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने चार राज्यों के प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त करने के सन्दर्भ मरी प्रेस नोट जारी करते हुए ये जानकारी दी कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर के लिए प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं सह-प्रभारियों को नियुक्त किया गया है.
महाराष्ट्र
भूपेंद्र यादव को महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया गया है, जबकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह-प्रभारी.
हरियाणा
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया गया है. उनके साथ सांसद और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्र बिप्लव कुमार देव को सह-प्रभारी बनाया गया है.
झारखण्ड
बीजेपी ने झारखंड के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में देश के कृषि मंत्री शिव राज सिंह को प्रभारी के तौर पर चुना है. उनके साथ सह-प्रभारी की जिम्मेदारी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को सौंपी गयी है.
जम्मू-कश्मीर
जम्मू - कश्मीर के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को प्रभारी नियुक्त किया गया है. यहाँ किसी को सह-प्रभारी नहीं बनाया गया है.
बता दें कि महाराष्ट्र में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. हरियाणा में भी साल के आखिर में चुनाव होने हैं. झारखण्ड में विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को ख़त्म हो रहा है. वहीँ जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के खत्म होने के बाद से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं. लोकसभा चुनाव के बाद अब घाटी में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद बढ़ गयी हैं. माना जा रहा है कि उक्त चारों ही राज्यों/केंद्र शाषित प्रदेश में साल के आखिर में चुनाव हो सकते हैं.