यूपी में धूम मचाने वाले दोनों लड़कों के सामने एक जैसी दुविधा
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यूपी में धूम मचाने वाले दोनों लड़कों के सामने एक जैसी दुविधा

राहुल गाँधी और अखिलेश के सामने एक जैसी दुविधा है. दोनों ही लोकसभा चुनाव जीते हैं. राहुल दो जगहों से तो अखिलेश एक जगह से. राहुल के सामने ये सवाल है कि रायबरेली रखें या वायनाड, वहीँ अखिलेश के सामने ये सवाल है कि प्रदेश में विपक्ष की भूमिका निभाते रहें या फिर सांसद बन केंद्र में विपक्ष की बुमिका निभायें


Loksabha Election Resutl: लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद दो लड़कों के चर्चे आम हो चुके हैं. राहुल गाँधी और अखिलेश यादव ने जिस तरह से उत्तरप्रदेश में बीजेपी के पैरों से जमीन खींच ली है, उसके बाद हर तरफ इसी बात का शोर है. राहुल गाँधी ने 2 लोकसभा सेटों पर चुनाव लड़ा और दोनों से जीते. वहीँ दूसरी ओर अखिलेश यादव ने कन्नौज से चुनाव लड़ा और आसानी से जीत हासिल की. लेकिन अब दोनों के सामने एक दुविधा खड़ी है, कि आखिर कौन सी सीट छोड़ें. ये फैसला करना दोनों के लिए ही काफी मुश्किल हो रहा है, क्योंकि जिस तरह से जनसमर्थन मिला है, उसे देखते हुए एक दम से निर्णय लेना आसान नहीं है.

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से शानदार जीत दर्ज की है. राहुल को वायनाड से 3.90 लाख और रायबरेली से 3.64 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई है. वहीं, करहल विधानसभा सीट से विधायक अखिलेश यादव ने इस बार कन्‍नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें 1.70 लाख वोटों से जीत मिली.

राहुल ने जनता के सामने पहले ही रख दी है अपनी ये दुविधा

राहुल गाँधी ने अपनी ये दुविधा पहले जनता के सामने रख दी है. उन्होंने जनता को ये बता दिया है कि वो दो जगहों से जीते हैं और एक जगह से उन्हें सीट छोडनी होगी, क्योंकि ऐसा ही नियम है. अगर उनके बस में होता तो वे दोनों जगहों से ही सांसद रहते. अगर रायबरेली की बात करें तो ये सीट गाँधी परिवार की पारंपरिक सीट है. इस चुनाव में भी सोनिया गाँधी ने खुद जनता के सामने एक बेहद भावुक अपील की थी कि मै अपना बीटा आपको सौंप रही हूँ. जिसका असर भी देखने को मिला और राहुल गांधी को 3.64 लाख वोटों के अंतर से जीत मिली. वहीँ आय्नाद सीट से भी रहुक 3.90 लाख वोटों से जीतें हैं. अब राहुल के सामने ये समस्या है कि वो किस सीट से त्यागपत्र दें, क्योंकि दोनों ही सीटों से उन्हें अपार प्यार मिला है.

रायबरेली की जनता गाँधी परिवार पर ही जताती आई है भरोसा

रायबरेली सीट की बात करें तो यहाँ की जनता हमेशा से गाँधी परिवार पर ही भरोसा जताती आई है. इसलिए भी राहुल गाँधी को ये निर्णय लेने में काफी मुश्किल हो रही है. हाँ अगर उनकी बहन प्रियंका चुनाव रायबरेली से चुनाव लड़ती हैं तो फिर राय बरेली की जनता की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी.

अखिलेश यादव विधानसभा में रह कर प्रदेश में सक्रिय रहें या सांसद रह कर राष्ट्रिय राजनीती में अपनी ज़िम्म्दारी निभाये. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से विधायक हैं. साथ ही इस बार वो कन्‍नौज सीट से 1.70 लाख मतों से लोकसभा चुनाव जीतें हैं. अब सवाल ये उठता है कि अखिलेश विधायक बने रहेंगे या फिर कन्नौज की सीट से सांसद बने रहेंगे. अभी इस बात को लेकर उनकी तरफ से इस विषय में कुछ नहीं किया गया है. दोनों ही तरफ की बातें सामने आ रही हैं. जैसे अगर लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को पूर्ण बहुमत का आंकड़ा मिलता तो वो केंद्र की राजनीती में जा सकते थे और वहन कोई अहम ज़िम्मेदारी का निर्वहन कर सकते थे, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं लगता की केंद्र में इंडिया गठबंधन को जल्द कोई मौका मिलने जा रहा है.

इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि अखिलेश प्रदेश में रह कर 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कड़ी मेहनत कर सकते हैं, क्योंकि अभी चुनाव में लगभग ढाई साल का समय है और इतना समय किसी भी पार्टी के लिए खोई हुई बाजी वापस पाने या हाथ आई बाजी को खोने के लिए पर्याप्त रहता है.

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