UP में BSP ने लगाई इंडिया गठबंधन के वोटों में सेंध, BJP को 16 सीट जीतने में की मदद
बीएसपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन के वोटों में सेंध लगाकर बीजेपी को कम से कम 16 सीटें जीतने में मदद की.
UP Lok Sabha Elections: मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने साल 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में कोई सीट नहीं जीती. लेकिन इसने इंडिया गठबंधन के वोटों में सेंध लगाकर बीजेपी को कम से कम 16 सीटें जीतने में मदद की. इन 16 सीटों पर इसने भाजपा या सहयोगी उम्मीदवारों की जीत के अंतर से ज़्यादा वोट हासिल किए.
यूपी में 80 सीटों में से 43 सीटें इंडिया ब्लॉक ने जीतीं, जिसमें अखिलेश यादव की अगुआई वाली समाजवादी पार्टी (एसपी) ने 37 सीटें जीतीं और कांग्रेस ने 6. एनडीए ने 36 सीटें जीतीं. जबकि बीजेपी को 33 सीटें मिलीं. अगर बीएसपी ने अपने वोट शेयर में कटौती नहीं की होती तो इंडिया ब्लॉक को यूपी में 59 सीट और कुल मिलाकर 250 सीटें मिलतीं और एनडीए की कुल सीटों की संख्या घटकर 277 और बीजेपी की 226 रह जाती. विपक्षी गुट खासकर सपा के हाथों काफी जमीन गंवाने वाली भाजपा के पास यूपी में सिर्फ 19 सीटें रह जातीं. यह चौंकाने वाला खुलासा है. क्योंकि साल 2019 में पार्टी ने राज्य में 62 सीटें जीती थीं.
जिन 16 सीटों पर बसपा ने विपक्षी खेमे को मात दी है. वे अकबरपुर, अलीगढ़, अमरोहा, बांसगांव, भदोही, बिजनौर, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर सीकरी, हरदोई, मेरठ, मिर्जापुर, मिश्रिख, फूलपुर, शाहजहांपुर और उन्नाव हैं. इनमें से 14 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की. जबकि, उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और अपना दल (सोनेलाल) ने 2 सीट बिजनौर और मिर्जापुर जीतीं.
इन 16 सीटों में से बसपा उम्मीदवार (विजेंद्र सिंह) को बिजनौर में सबसे अधिक वोट 218,986 मिले. जहां आरएलडी ने सपा को 37,508 वोटों से हराया. मिर्जापुर में बीएसपी उम्मीदवार मनीष कुमार को 1,44,446 वोट मिले. जबकि, बीजेपी की अनुप्रिया पटेल ने एसपी उम्मीदवार को 37,810 वोटों से हराया. शाहजहांपुर में बीजेपी के अरुण कुमार सागर 55,379 वोटों से जीते. जबकि, बीएसपी के दोद राम वर्मा को 91,710 वोट मिले. फर्रुखाबाद में भाजपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत ने सपा प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य को मात्र 2,678 मतों से हराया. बसपा प्रत्याशी क्रांति पांडे को 45,390 मत मिले.
टीएमसी
इंडिया ब्लॉक के हिस्से के रूप में ममता बनर्जी की टीएमसी ने यूपी की भदोही सीट पर चुनाव लड़ा था. सपा ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के एक दल के बदले में टीएमसी को सीट दे दी थी. यूपी में पार्टी ने कभी कोई सीट नहीं जीती है. इसके बावजूद टीएमसी उम्मीदवार को बीजेपी उम्मीदवार ने सिर्फ 44,072 वोटों से हराया. टीएमसी उम्मीदवार को करीब 4.2 लाख वोट मिले. जबकि, बीएसपी उम्मीदवार को करीब 1.6 लाख वोट मिले. हालांकि, यह महज अनुमान है और कोई भी निश्चितता के साथ नहीं कह सकता कि बीएसपी को मिले वोट, उसकी अनुपस्थिति में इंडिया ब्लॉक को मिलते.
क्या कर सकती हैं मायावती?
हालांकि मायावती का वोट बैंक न केवल उनके प्राथमिक जाटव मतदाता, बल्कि गैर-जाटव मतदाता भी राज्य में लगातार घट रहा है. फिर भी वह कुछ लोगों के हितों को प्रभावित कर सकती हैं. जैसा कि इन सर्वेक्षणों से पता चलता है. साल 2014 से 2024 के बीच बीएसपी के वोट शेयर में 10.38 फीसदी की गिरावट आई है. साल 2014 में उसे 19.77 फीसदी वोट मिले थे. जबकि साल 2019 में उसे 19.42 फीसदी वोट मिले हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सपा ने बसपा से हाथ मिलाया था, तब दोनों ने मिलकर 15 सीटें जीती थीं. बसपा ने 10 सीटें जीती थीं. जबकि सपा को सिर्फ पांच सीटें मिलीं थीं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने एक भी सीट नहीं जीती थी. साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी को कुल 403 में से सिर्फ़ 19 सीटें मिलीं. जबकि, साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उसे 80 सीटें मिली थीं. जबकि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ़ एक सीट मिली. जबकि वोट प्रतिशत 12.88 रहा.