भाजपा की पहली सूची आते ही बागियों ने बजाया बिगुल, मंत्री समेत दो ने दिया इस्तीफा
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प्रधानमंत्री मोदी के साथ रणजीत सिंह चौटाला.

भाजपा की पहली सूची आते ही बागियों ने बजाया बिगुल, मंत्री समेत दो ने दिया इस्तीफा

ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद इस्तीफे का फैसला लिया और अब वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे.


Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभ चुनाव को लेकर भाजपा द्वारा जारी की गयी 67 उम्मीदवारों की पहली सूचि के बाद नाराज़ नेताओं ने पार्टी का दमन छोड़ने का काम भी शुरू कर दिया है. बीजेपी ने जिन नेताओं को टिकट नहीं दिया या फिर जिनके टिकट काटे हैं, उनमें से कुछ ने बगावत के सुर अपनाते हुए पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया है. फिलहाल जिन दो नेताओं ने इस्तीफा दिया है उनमें हरियाणा सरकार में मंत्री रंजित सिंह चौटाला और विधायक लक्षणदास नापा हैं. इन दोनों ने ही बीजेपी छोड़ दी है. नापा ने कांग्रेस में शामिल होने की बात कही तो वहीँ रणजीत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है.


पता नहीं किसकी सलाह पर काटा मेरा टिकट
देश पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र और हरियाणा सरकार में ऊर्जा एवं जेल मंत्री रंजीत चौटाला (79) ने कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया है कि वो रानिया से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. सिरसा जिले के रानिया विधानसभा क्षेत्र से पार्टी द्वारा उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज किए जाने के बाद रणजीत चौटाला ने अपने समर्थकों की एक बैठक बुलाई और उसके बाद निरालिये चुनाव लड़ने की बात कही.
जब रणजीत सिंह से उनके कदम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैंने अपने समर्थकों से परामर्श करने के बाद यह निर्णय लिया." चौटाला ने कहा, "मेरे उनसे (भाजपा से) अच्छे संबंध थे. उन्होंने मुझे लोकसभा का टिकट दिया (हिसार से, जिस पर उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन हार गए). लेकिन पता नहीं किसकी सलाह पर उन्होंने यह काम किया. मैं कहूंगा कि जिसने भी उन्हें यह सलाह दी है, उसने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है."
रणजीत सिंह ने कहा कि "मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं. मेरा कुछ कद है. मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है." उन्होंने कहा कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा भी छोड़ दी है. चौटाला रानिया सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन भाजपा ने उनकी जगह शीशपाल कंबोज को मैदान में उतार दिया. रणजीत ने लोकसभा चुनाव से पहले रानिया से निर्दलीय विधायक के पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे और हिसार संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

लक्ष्मणदास नापा ने की भूपेन्द्र सिंह हूडा से मुलाकात
टिकट काटने से नाराज़ विधायक लक्ष्मण दास नापा ने भी बीजेपी छोड़ दी है. पार्टी छोड़ने के बाद नापा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास पर मुलाकात की और बाद में कहा कि वो अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे. फतेहाबाद जिले के रतिया रिजर्व निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक नापा ने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र की पूरी निष्ठा से सेवा की और विकास कार्य किए. उन्हें नहीं पता कि पार्टी ने उन्हें विधानसभा क्षेत्र से फिर से उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया. नापा ने कहा कि उन्होंने गुरुवार सुबह हुड्डा से मुलाकात की थी. "मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं."

करण देव कम्बोज ने प्रदेश बीजेपी ओबीसी मोर्चा से दिया इस्तीफा
वहीँ उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद भाजपा को एक और झटका देते हुए पूर्व मंत्री करण देव कंबोज ने कहा कि उन्होंने हरियाणा भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व मंत्री करण देव कंबोज ने भी पार्टी द्वारा उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज किए जाने के बाद राज्य भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया. कंबोज भी टिकट के आकांक्षी थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. उन्होंने कहा कि वो वर्षों से समर्पण के साथ पार्टी की सेवा कर रहे हैं. "शायद भाजपा को अब वफादारों की जरूरत नहीं है." उन्होंने कहा कि पार्टी उन नेताओं को टिकट दे रही है जो एक दिन पहले ही पार्टी में शामिल हुए हैं, जबकि उन लोगों की अनदेखी की जा रही है जो वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं.

भाजपा के सामने कांग्रेस के साथ साथ बागियों की भी चुनौती
भाजपा के लिए बागियों की समस्या उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के कुछ समय बाद ही शुरू हो गई थी, क्योंकि इससे कई लोग नाराज हो गए थे. भाजपा द्वारा चुनावों के लिए 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के तुरंत बाद नापा ने राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली को लिखे पत्र में कहा कि वो पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. मंत्री संजय सिंह और पूर्व मंत्री संदीप सिंह सहित कुछ मौजूदा विधायकों के नाम भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में नहीं हैं.
रतिया से पार्टी ने सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को मैदान में उतारा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में दुग्गल को सिरसा संसदीय क्षेत्र से फिर से टिकट नहीं दिया गया, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर, जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, को टिकट दे दिया गया. हालांकि, तंवर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा से हार गए. हरियाणा की पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कविता जैन, जो सोनीपत से टिकट की दावेदार थीं, भी पार्टी द्वारा निखिल मदान को इस सीट से उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज थीं. सोनीपत में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए वो भावुक हो गईं और कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी पार्टी के लिए एक समर्पित सिपाही की तरह काम किया है और उनकी उम्मीदवारी पर विचार किया जाना चाहिए था.

भाजपा क्या ऐसे लगा पायेगी जीत की हैटट्रिक
बुधवार को जारी अपनी पहली सूची में भाजपा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो करनाल से मौजूदा विधायक हैं, को लाडवा सीट से मैदान में उतारा और पार्टी में हाल ही में शामिल हुए कई लोगों को चुनाव टिकट से पुरस्कृत किया. भाजपा हरियाणा में हैट्रिक बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, लेकिन उसे फिर से उभरी कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. सैनी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव की मतगणना 8 अक्टूबर को होगी.

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)


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