दिल्ली-पंजाब में ही AAP मजबूत, हरियाणा में कांग्रेस क्यों कर रही गठबंधन की बात
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दिल्ली-पंजाब में ही AAP मजबूत, हरियाणा में कांग्रेस क्यों कर रही गठबंधन की बात

वोट शेयर और सीट के हिसाब से आम आदमी पार्टी सिर्फ दिल्ली और पंजाब में मजबूत है। ऐसे में सवाल है कि राहुल गांधी ने क्यों आप के साथ गठबंधन राग क्यों अलापा।


Congress AAP Alliance News: दिल्ली के बाद हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की अटकलें हैं। इस तरह की खबर है कि आम आदमी पार्टी 10 सीट तो कांग्रेस सात सीट देने के लिए तैयार है। इन सबके बीच चुनावी प्रक्रिया का आगाज हो चुका है। सवाल यह है कि जब कांग्रेस के नेता खुद यह दावा करते हैं कि हरियाणा में वो अपने बलबूते सरकार बना सकते हैं तो आम आदमी पार्टी से गठबंधन की जरूरत क्या है। दरअसल यह चर्चा इसलिए भी तेज हुई क्योंकि राहुल गांधी ने बयान दिया था। कांग्रेस के कुछ नेता कहते हैं कि यह बड़े स्तर की सोच है जबकि कुछ नेताओं का कहना है कि दूरगामी नतीजा भयावह होगा। हालांकि हम यहां आप के प्रदर्शन के बारे में बताएंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि कांग्रेस, गठबंधन की बात क्यों कर रही है।

सबसे पहले आप के प्रदर्शन को देखिए। यहां पर हम आपको 2019 से लेकर 2022 तक हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात और गोवा का जिक्र करेंगे। साल 2019 में हरियाणा में आप को .5 फीसद वोट और शून्य सीट मिली थी। साल 2020 में दिल्ली में वोट प्रतिशत 53.8 फीसद और सीटें 62 मिलीं। 2022 में पंजाब में 42.3 फीसद सीट और सीटें 92 मिलीं। 2022 में गुजरात में 13.1 फीसद वोट और सीट 5 हासिल हुई। इसी तरह 2022 में गोवा में वोट शेयर 6.8 फीसद और सीट 2 थी।

राज्यसीट संख्यामत प्रतिशत
हरियाणा00.5
दिल्ली6253.8
पंजाब9242.3
गुजरात513.1
गोवा26.8

जब इस तरह की खबरें आईं कि हरियाणा में कांग्रेस आप के साथ गठबंधन पर विचार कर रही है तो बीजेरी की तरफ से प्रतिक्रिया आई। बीजेपी ने कहा कि यह मौकापरस्ती वाली बात है। यह वही कांग्रेस पार्टी जिसके खिलाफ पानी पीकर अरविंद केजरीवाल गाली दिया करते थे। कांग्रेस को भ्रष्टाचार की गंगोत्री बताते थे। यह वही कांग्रेस है जिसने कहा कि आप के साथ जाने का सवाल नहीं है। लेकिन फायदे की राजनीति की वजह से दोनों दल एक साथ आ रहे हैं। हालांकि हरियाणा की जनता जवाब देगी।

सियासी मामलों के जानकार कहते हैं कि यह बात सच है कि आप का हरियाणा में कोई खास वजूद नहीं है। लेकिन कांग्रेस इस लड़ाई को बड़े कैनवास पर दिखाना चाहती है कि आज के समय में बीजेपी सिर्फ राजनीतिक दलों के लिये ही नहीं बल्कि देश के लिए भी खतरा है। लोकसभा में ९९ सीट पाने के बाद कांग्रेस अपने आपको बड़ी भूमिका में देखना चाहती है और वो इसी वजह से संभव है कि राज्यों के चुनाव में उसे बीजेपी के अलावा किसी और दूसरे दल से चुनौती ना मिले। हरियाणा में आज की तारीख में इनेलो, बीजेपी और जेजेपी प्रतिद्वंदी हैं जिनसे खतरा अधिक है। ऐसे में उन दलों को साथ लिया जाए जो खुद के दम पर अपना फायदा नहीं कर सकते हालांकि वो नुकसान जरूर कर सकते हैं।

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