हरियाणा में INLD-BSP में गठबंधन, कांग्रेस- BJP किस पर पड़ेगा अधिक असर
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हरियाणा में INLD-BSP में गठबंधन, कांग्रेस- BJP किस पर पड़ेगा अधिक असर

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए इंडियन नेशनल लोकदल और बीएसपी के बीच समझौता हो चुका है. बीएसपी ने ऐलान किया कि सत्ता में आने पर अभय चौटाला सीएम बनेंगे.


INLD-BSP Alliance News: हरियाणा में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इस चुनावी समर में अब इंडियन नेशनल लोकदल और बहुजन समाज पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.कुल 90 सीटों में से 53 सीट पर आईएनलडी और 37 सीटों पर बीएसपी अपने कैंडिडेट उतारेगी वहीं बीएसपी ने साफ किया कि सरकार बनाने का मौका मिलने पर अभय चौटाला सीएम बनेंगे. दोनों दलों के बीच गठबंधन होने के तुरंत बाद अभय चौटाला ने फ्री बिजली का वादा कर दिया. उन्होंने सोलर पैनल लगाने पर खास जोर दिया.चौटाला ने कहा कि बीएसपी के साथ गठबंधन किसी स्वार्थ पर आधारित नहीं है बल्कि हरियाणा की जनता की भावनाओं का ख्याल रखा गया.बता दें कि फरवरी 2019 में बीएसपी ने आईएनएलडी के साथ गठबंधन तोड़ दिया था.

दोनों दलों के बीच तीसरी दफा गठबंधन

हरियाणा में आईएनएलडी और बीएसपी के बीच तीसरी दफा गठबंधन हुआ है.पहला गठबंधन साल 1996 में हुआ था तब लोकसभा की 10 सीटों पर आईएनएलडी और तीन सीटों पर बीएसपी उम्मीदवार चुनाव लड़े थे. बीएसपी को 1 और आईएनएलडी तो 4 सीट मिली थी. उसके बाद 2018 में फिर मिलकर चुनाव लड़े और अब तीसरी दफा 2024 विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दल एक ही नाव पर सवार हैं.

मायावती ने क्या कहा

  • बहुजन समाज पार्टी व इण्डियन नेशनल लोकदल मिलकर हरियाणा में होने वाले विधानसभा आमचुनाव में वहां की जनविरोधी पार्टियों को हराकर अपने नये गठबन्धन की सरकार बनाने के संकल्प के साथ लड़ेंगे, जिसकी घोषणा मेरे पूरे आशीर्वाद के साथ आज चण्डीगढ़ में संयुक्त प्रेसवार्ता में की गयी.
    • इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला आदि तथा बीएसपी के आनन्द कुमार, नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनन्द व पार्टी के राज्य प्रभारी श्री रणधीर बेनीवाल की आज हुई प्रेसवार्ता से पहले दोनों पार्टियों के बीच नई दिल्ली में मेरे निवास पर गठबंधन को लेकर सफल वार्ता हुई.
    • हरियाणा में सर्वसमाज-हितैषी जनकल्याणकारी सरकार बनाने के संकल्प के कारण इस गठबंधन में एक-दूसरे को पूरा आदर-सम्मान देकर सीटों आदि के बंटवारे में पूरी एकता व सहमति बन गई है. मुझे पूरी उम्मीद है कि यह आपसी एकजुटता जन आशीर्वाद से विरोधियों को हरा कर नई सरकार बनाएगी.

    इस समझौते से किस पर कितना असर

    हरियाणा की राजनीति पर नजर रखने वाले कहते हैं कि अगर आप बीजेपी की बात करें तो उन्हें इससे बहुत असर नहीं होने वाला है. जाट-दलित मतों के लिए बीजेपी पहले भी दूसरों पर निर्भर रहा करती थी. लिहाजा उनके लिए चुनौती दूसरे तरह की होगी.

    अगर बात आप कांग्रेस की करें तो यह गठबंधन उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.क्योंकि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव की तरह जाट मतदाताओं से उम्मीद है. लेकिन अब बीएसपी और इनेलो के साथ गठबंधन की वजह से वोटों में बिखराव होगा और उसकी वजह से कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

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