हरियाणा की इस सीट पर भाई-बहन के बीच मुकाबला, बंसी लाल से भी नाता
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हरियाणा की इस सीट पर भाई-बहन के बीच मुकाबला, बंसी लाल से भी नाता

हरियाणा की तोशाम सीट का चौधरी बंसी लाल से नाता रहा है। यह सीट उनकी पारिवारिक सीट मानी जाती है। इस दफा यहां से श्रुति चौधरी बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।


हरियाणा की सभी 90 सीटों के लिए पांच अक्तूबर को मत डाले जाएंगे। इन सबके बीच 12 सितंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है। सभी दलों के घोषित उम्मीदवार अपना नामांकन कर रहे है। वैसे तो सभी 90 सीटें खास हैं। लेकिन कुछ सीट इस वजह से भी खास है क्योंकि अपनों के खिलाफ अपने ही ताल ठोंक रहे हैं। तोशाम सीट उनमें से एक है। तोशाम सीट चौधरी बंसीलाल की पारिवारिक सीट हुआ करती है। हरियाणा की राजनीति में उनकी भूमिका क्या रही है इसके बारे में ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नहीं है। इस सीट पर श्रुति चौधरी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही है। हाल ही में वो अपनी मां किरण चौधरी के साथ बीजेपी का हिस्सा बनी थीं। अगर पिछले चुनाव यानी 2019 की बात करें तो किरण चौधरी यहां से विधायक थीं। सबसे पहले तोशाम सीट के बारे में कुछ खास जानकारी।

1966 में पंजाब से हरियाणा राज्य बनाया गया और 1967 में तोशाम सीट अस्तित्व में आई। 1967 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ और बंसी लाल को जीत मिली। एक साल बाद फिर बंसी लाल को जीत मिली और एक तरह से तोशाम और वो एक दूसरे के पूरक हो गए। 1968 वाले चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा की कमान संभाली। लेकिन 1972 का चुनाव इस वजह से खास था कि बंसीलाल के सामने और कोई नहीं बल्कि चौधरी देवी लाल थे जो बाद में सीएम भी बने थे। लेकिन उस चुनाव में देवी लाल को हार का सामना करना पड़ा था। इस तरह की चर्चा भी चल पड़ी थी कि देवी लाल ने इस्तीफा देने का मन बना लिया था। 1982 में बंसी लाल के बेटे सुरेंद्र सिंह चुनावी मैदान में उतरे और लोकदल के उम्मीदवार को हरा दिया। इस चुनाव के बाद बंसी लाल केंद्र की राजनीति करने लगे और विरासत अपने बेटे को सौंप दी 1986 में एक बार फिर बंसी लाल सीएम बने थे। हरियाणा की राजनीति के मिजाज को देखते हुए बंसी लाल ने अपनी पार्टी हरियाणा विकास पार्टी बना ली थी। 1996 के चुनाव में फिर वो इस सीट से चुनाव जीतने में कामयाब हुए।

2005 तक आते आते बड़ा बदलाव हुआ जब हरियाणा विकास पार्टी का कांग्रेस में विलय हो या। बंसी लाल के बेटे तोशाम से एमएलए चुने गए। लेकिन हेलिकॉप्टर क्रैश में सुरेंद्र सिंह की मौत हुई और इस तरह से किरण चौधरी का राजनीति में दाखिला हुआ। इस दफा इस सीट किरण चौधरी ने अपनी बेटी को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है। अनिरुद्ध चौधरी भी बंसी लाल के पोते हैं। यानी कि इस दफा तोशाम सीट पर चचेरे भाई बहन आमने सामने होंगे।

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