हरियाणा में महिला शक्ति पर सबका जोर, 2002 -2019 तक क्या कहते हैं आंकड़े
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हरियाणा में महिला शक्ति पर सबका जोर, 2002 -2019 तक क्या कहते हैं आंकड़े

इसमें दो मत नहीं कि हरियाणा की खुशहाली में महिलाओं का योगदान है। लेकिन क्या महिला शक्ति की राजनीतिक भागीदारी भी उतनी ही है।


Women Politics In Haryana: हरियाणा की सभी 90 सीटों के लिए पांच अक्तूबर को मत डाले जाएंगे। इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस,इनेलो-बीएसपी, आम आदमी पार्टी और जेजेपी-आजाद समाज पार्टी ताल ठोंक रहे हैं। सभी दलों के दावों के बीच राज्य की राजनीति में महिला शक्ति की भागीदारी को समझने की कोशिश करेंगे। हरियाणा,देश के समृद्ध राज्यों में से एक है, दिल्ली से सटा है लेकिन सामाजिक तौर पर पिछड़ा हुआ। इसकी तस्दीक लिंगानुपात से हो जाती है। राज्य का सेक्स रेशियो राष्ट्रीय औसत से कम है हालांकि हाल के वर्षों में कुछ इजाफा हुआ है। यहां महिलाएं खेतों में काम करती मिल जाएंगी। यानी कि आर्थिक खुशहाली के लिए वो अपना योगदान तो देती हैं। लेकिन राजनीतिक तौर पर कितनी भागीदारी है इसे समझने की कोशिश करेंगे। यहां पर तीन वर्षों की तुलना करेंगे। साल 2000 में चार, 2013 में 13 और 2019 में 9 महिलाएं विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुईं। खास बात यह कि 2019 में 9 में से 4 महिला विधायक कांग्रेस के टिकट पर चुन कर आई थीं।

हरियाणा विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी

वर्षमहिला विधायकों की भागीदारी
20004
200511
20099
201413
20199

कुछ ऐसा रहा है आंकड़ा
साल 2000 की बात करें तो कुल 965 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे जिनमें महिलाओं की संख्या 49 थी। यानी कि 5.08 फीसद हिस्सेदारी थी। कुल 49 महिलाओं में से चार विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहीं। यानी 90 सीटों में जीत की भागीदारी करीब 4.44 फीसद रही।

2005 में अच्छी बात यह रही कि ना सिर्फ महिला उम्मीदवार बल्कि एमएलए की संख्या में इजाफा हुआ। कुल 983 उम्मीदवारों में संख्या 60 थी। और 11 महिला उम्मीवारों ने जीत दर्ज की थी। लेकिन 2009 में आंकड़ा निराशाजनक था। कुल 1222 कैंडिडेट में 69 महिलाओं ने किस्मत आजमाई और 9 को कामयाबी मिली।

साल 2014 में ना सिर्फ महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी एमएलए बनने में कामयाबी मिली कुल 1351 में 116 महिलाओं को टिकट मिला था और इसमें 13 को कामयाबी मिली थी। लेकिन 2019 में 1169 उम्मीदवार थे और 108 को कामयाबी मिली। लेकिन जीत सिर्फ 9 को मिली। बीजेपी सबसे अधिक 40 सीट हासिल करने में कामयाब हुई। लेकिन महिला विधायकों की संख्या तीन थी। इसके साथ ही कांग्रेस के खाते में 31 सीट गई थी। लेकिन अच्छी बात ये थी कि पांच महिला विधायक चुनी गईं।

अगर बात 2024 विधानसभा चुनाव की करें तो कांग्रेस ने 12 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है। भाजपा ने 10 महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। आदमी पार्टी (आप) ने कुल 90 उम्मीदवारों में से 10 महिलाओं को मैदान में उतारा है। इसके साथ ही कई सीटों पर महिलाएं निर्दलीय भी चुनाव लड़ रही हैं। इसमें मशहूर उद्योगपति सावित्री जिंदल का भी नाम शामिल है। भी शामिल हैं जो हिसार से चुनाव मैदान में हैं।

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