Haryana Election: खेमेबाजी से परेशान कांग्रेस! सीटों से अधिक दावेदार, टिकटों के सर्वे से गुटबाजी होगी खत्म?
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची चल रही है. आलम यह है कि सीटें कम और दावेदार अधिक हो गए हैं.
Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची चल रही है. आलम यह है कि सीटें कम और दावेदार अधिक हो गए हैं. ऐसे में आलाकमान के सामने यह दिक्कत आ रही है कि सही उम्मीदवारों को टिकट भी दे दिया जाए और गुटबाजी के चलते कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी न हो. यही वजह है कि कांग्रेस ने बाकी बची सीटों के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया है.
हरियाणा कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी गुटबाजी है. प्रदेश कांग्रेस तीन खेमों- भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला में बंटा हुआ है और आए दिन इन दिनों में टकराव की स्थिति देखने को मिलती है. कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की 2 सूची जारी कर चुकी है. इन सूचियों के आधार पर 32 प्रत्याशियों को टिकट वितरित किया जा चुके हैं. हालांकि, 24 सीटों पर पेच फंस गया है. इन सीटों पर दावेदार अधिक हैं और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला के खेमों में बंटे हुए हैं.
ये तीनों ही नेता अपने-अपने खेमों के दावेदारों को टिकट दिलाने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं. ऐसे में किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने इन सीटों का दोबारा से सर्वे कराया है. सूत्रों का दावा है कि जल्द ही सर्वे रिपोर्ट आ जाएगी और फिर प्रत्याशियों के नाम भी तय कर दिए जाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में जिन सीटों पर पेंच फंसा है, उनमें फतेहाबाद, टोहाना, नारनौंद, जगाधरी, यमुनानगर, पानीपत और जींद हैं. इसके साथ ही हिसार और सिरसा जिले की विधानसभा सीटों पर भी पेच फंसा है. कुमारी सैलजा अपने खेमे के लिए हिसार, सिरसा और फतेहाबाद की सीट चाह रही हैं. वहीं, सुरजेवाला कैथल और जींद के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं. इसके अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए पिछले 15 दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.
बता दे कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने पांच बार स्क्रीनिंग करने के बाद 66 नाम तय किए थे. वहीं, बाकी कि 24 सीटों के लिए सब कमेटी का गठन किया गया था. हालांकि, सब कमेटी इन सीटों को लेकर कई बैठकें कर चुकी हैं. लेकिन अब तक निर्णय नहीं लिया गया है.