कहीं चाचा-भतीजा तो कहीं भाई-बहन, हरियाणा की दिलचस्प चुनावी तस्वीर
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कहीं चाचा-भतीजा तो कहीं भाई-बहन, हरियाणा की दिलचस्प चुनावी तस्वीर

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कहीं भाई बहन तो कहीं चाचा भतीजा एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं।


Haryana Assembly Elections 2024: जब मामला सियासत से जुड़ा हो तो रिश्ते भी बौने पड़ जाते हैं। कुछ ऐसी ही तस्वीर हरियाणा में नजर आ रही है। जो पहले एक रिश्ते में बंधे हुए थे उन्हें सियासत अब चुनावी पिच पर एक दूसरे को आमने सामने हैं। मकसद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना है। अब इसमें गलत भी कुछ नहीं है। जैसे किसी खेल प्रतियोगिता में जीत ही अंतिम लक्ष्य ठीक वैसे ही चुनावी लड़ाई में जो जीता वही सिकंदर वाला फॉर्मूला काम करता है। हरियाणा में सभी 90 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर थी। यानी कि चुनावी एग्जाम का एक चक्र पूरा हो चुका है। दूसरे चक्र में नाम वापसी पर इंतजार है। इन सबके बीच हम कुछ खास चेहरों की बात करेंगे जो अब एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं।

श्रुति चौधरी बनाम अनिरुद्ध चौधरी
सबसे पहले बात करेंगे तोशाम सीट की। यह सीट चौधरी बंसीलाल की पारिवारिक सीट मानी जाती रही है। 2024 के चुनाव में बीजेपी ने जहां उनकी श्रुति चौधरी को टिकट दिया है वहीं कांग्रेस की तरफ से अनिरुद्ध चौधरी को टिकट मिला है। श्रुति और अनिरुद्ध चचेरे भाई बहन हैं. अगर श्रुति चौधरी की बात करें तो ये भिवानी- महेंद्रगढ़ से सांसद भी रह चुकी हैं। अनिरुद्ध चौधरी पहली बार चुनावी मैदान में हैं। इनके पिता रणबीर महेंद्रा बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं। बंसीलाल से इन दोनों का नाता पोती और पोते का है। अगर पिछले नतीजों की बात करें तो कांग्रेस की सीट पर श्रुति चौधरी की मां किरण चौधरी ने बीजेपी उम्मीदवार शशि रंजन परमार को हरा दिया था। हालांकि किरण चौधरी अब बीजेपी का हिस्सा बन चुकी हैं।

आदित्य देवीलाल बनाम दिग्विजय चौटाला
सिरसा जिले में डबवाली खास सीट है। इस सीट पर मुकाबला चौटाल परिवार के बीच है। यहां मुकाबला आदित्य देवीलाल चौटाला और दिग्विजय चौटाला के बीच है। दोनों के बीच रिश्ता चाचा और भतीजे का है। आदित्य देवीलाल, देवीलाल के पोते हैं और इनेलो उम्मीदवार है और उनके सामने जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय चौटाला हैं। आदित्य अभी हाल तक बीजेपी के हिस्सा थे। लेकिन इनेलो में शामिल हो गए। देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश के बेटे हैं दिग्विजय चौटाला इसके साथ ही वो दुष्यंत चौटाला के भाई भी हैं। अगर 2019 नतीजों की बात करें तो कांग्रेस के अमित सिहाग ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े आदित्य देवीलाल को 15 हजार से अधिक मतों से मात दी थी।

रणजीत चौटाला बनाम अर्जुन चौटाला

सिरसा जिले की रनियां सीट पर दादा और पोता एक दूसरे के खिलाफ हैं। यहां देवीलाल के पड़पोते और अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला को इनेलो के टिकट पर उतारा है। नहीं देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। रणजीत का टिकट बीजेपी ने काट दिया था। इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से सर्व मित्र कंबोज,बीजेपी की तरफ से शीशपल कंबोज हैं। इस सीट पर 2019 में रणजीत चौटाला को जीत मिली थी। हरियाणा लोकहित पार्टी के गोबिंद कांडा को मात दी थी।

पुन्हाना में भाई के सामने भाई
मेवात जिले की पुन्हाना सीट पर दो भाइयों में दिलचस्प जंग है। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक इलियास खान को मैदान में उतारा है। भाजपा ने इलियास के सामने उनके ही चचेरे भाई ऐजाज खान को चेहरा बनाया है। ऐजाज उन दो मुस्लिम उम्मीदवार में से एक हैं जो बीजेपी से टिकट पाने में कामयाब रहे। फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद को पार्टी का टिकट मिला है। आप ने पुन्हाना में नायब ठेकेदार बिसरू को चेहरा बनाया है। 2019 में पुन्हाना सीट पर कांग्रेस के इलियास को जीत मिली थी।

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