हरियाणा की राई सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा तो कांग्रेस के लिए वापसी की चुनौती
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हरियाणा की राई सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा तो कांग्रेस के लिए वापसी की चुनौती

सोनीपत जिले में आने वाली राई सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी. यहाँ पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत रही है लेकिन 2019 में इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. यहाँ के विद्याका बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, इसलिए ये सीट हॉट बन चुकी है.


Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान हो गया है. लेकिन बीजेपी ने तारीख बदलने की मांग की है, जिस पर चुनाव आयोग जल्द ही फैसला सुनाएगा. लेकिन इस बात से राजनितिक दलों की चुनाव की तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है. हरियाणा का हर छोटा बड़ा दल चुनाव की तैयारियों में पूरी ताकत से लग चुका है. आज बात करते हैं दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत जिले की राई सीट की, जो दिल्ली से ही लगी हुई है.


राई सीट
राई सीट की बात करें तो ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है, लेकिन 2019 में पहली बार ये सीट कांग्रेस के हाथ से निकल कर बीजेपी के पाले में चली गयी. अब पांच साल बाद बीजेपी के सामने जहाँ इस सीट को बचाने की चुनौती है तो वहीँ कांग्रेस के सामने इसे दोबारा से हासिल करने की.

कब अस्तित्व में आई थी ये सीट
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से एक है राई. ये सीट सोनीपत जिले में आती है और अलग महत्व रखती है, क्योंकि यहाँ पर इंडस्ट्रियल एरिया होने के साथ साथ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी है. ये सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी. पहली बार इस सीट पर कांग्रेस के आर राम विधायक चुने गए थे. इसके बाद भी इस सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा देखने को मिला. हालाँकि 2019 में राई विधानसभा में बीजेपी ने जीत हासिल की थी.

क्यों बनती है ये सीट ख़ास
राई से फिलहाल मोहन लाल बडौली विधायक हैं. मोहन लाल बडौली को चुनावों की तारीख के एलान से कुछ समय पहले ही बीजेपी ने हरिया प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया है. यही वजह है कि राई सीट आगामी विधानसभा चुनाव में वीआईपी सीट बन गयी है, जो बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई भी बन चुकी है. बडौली के सामने ये सीट बचाना सिर्फ अपनी ही नहीं बल्कि पार्टी की प्रतिष्ठा के लिए भी बहुत जरुरी है.

कांग्रेस के निवर्तमान विधायक को हरा कर बीजेपी ने हासिल की थी सीट
मोहन लाल बड़ौली की बात करें तो 2019 के चुनाव में वो प्रदेश बीजेपी के महासचिव थे. जाति से ब्राह्मण मोहन लाल को पार्टी ने 2019 में प्रत्याशी बनाया था. उस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की कड़ी टक्कर रही थी. मोहन लाल बडोली को राई सीट से कुल 45377 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस. कांग्रेस के प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक जय तीरथ को 42,715 वोट मिले थे. जीत का अंतर काफी कम था. यही वजह भी है कि इस चुनाव में राई सीट बीजेपी के लिए कठिन चुनौती है. जय तीर्थ दहिया 2009 और 2014 में राई से विधायक रह चुके हैं.

राई विधानसभा सीट पर कितने मतदाता
राई विधानसभा सीट पर इस बार कुल 197980 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. कुल वोटर्स में से 106,842 पुरुष वोटर्स हैं और 91130 वोटर्स महिलाए हैं.

राई विधानसभा सीट 2019 का रिजल्ट
पार्टी प्रत्याशी वोट
बीजेपी मोहन लाल बडोली 45,377
कांग्रेस जय तीर्थ दहिया 42,715
जेजेपी अजीत अंतिल 17,137
LSP राजकुमार शर्मा 8,422

राई विधानसभा सीट 2014 का रिजल्ट
पार्टी प्रत्याशी वोट
कांग्रेस जय तीर्थ दहिया 36,703
INLD इंद्रजीत 36,700
बीजेपी कृष्ण गहलावत 34,523
HJC(BL) रंजीत कौशिक 3,299

राई विधानसभा सीट 2009 का रिजल्ट
पार्टी प्रत्याशी वोट
कांग्रेस जय तीर्थ दहिया 35,514
INLD इंद्रजीत 30,848
HJC(BL) रंजीत कौशिक 10,336
बीएसपी नारायण दत्त 4,747

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