कांग्रेस की गारंटी को जनता ने क्यों नकारा, 5 साल और करना होगा इंतजार
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कांग्रेस की गारंटी को जनता ने क्यों नकारा, 5 साल और करना होगा इंतजार

हरियाणा के रुझानों से साफ है कि कांग्रेस को अब 5 साल और इंतजार करना होगा।वोटर्स के मन में उतरने के लिए कांग्रेस ने 7 गारंटी तो बीजेपी ने संकल्प पत्र पेश किया था।


हरियाणा विधानसभा चुनाव के रुझान और नतीजे बीजेपी के पक्ष में है। यह नतीजा इसलिए भी खास है क्योंकि प्रदेश के चुनावी इतिहास में किसी एक दल को तीसरी बार सरकार बनाने का मौका मिल रहा। किसी भी राजनीतिक दल की जीत में तरह तरह के फैक्टर जिम्मेदार होते हैं। उनमें से एक राजनीतिक दलों की तरफ से चुनावी घोषणापत्र या यूं कहें कि वादे भी होते हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस ने सात गारंटी का वादा किया तो बीजेपी ने संकल्प पत्र के जरिए लोगों के दिल और दिमाग में जगह बनाने की कोशिश की। अगर रुझानों और नतीजों को देखें तो बीजेपी 49 और कांग्रेस 35 सीट पर आगे है या जीत दर्ज कर चुकी है। ऐसे में यहां हम समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर कांग्रेस की गारंटी की जगह बीजेपी का संकल्प पत्र क्यों भारी पड़ गया।

  • एमएसपी को अमली जामा, गरीबों के लिए आवास
  • जाति आधारित सर्वेक्षण
  • ओपीएस को लागू करना
  • 500 रुपए में गैस सिलेंडर, 25 लाख तक मुफ्त इलाज
  • 300 यूनिट मुफ्त बिजली

बीजेपी ने कैसे काउंटर किया
इन गारंटी के जरिए कांग्रेस ने लोगों को बताया कि चाहे हरियाणा का कोई भी समाज हो उनके हितों की चिंता हम करते हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने वादा किया था कि चाहे किसान हों, जवान हों या महिलाएं हों समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है और मौका मिलने पर हम बेहतर करेंगे। सियासत के जानकार कहते हैं कि बीजेपी के लिए कांग्रेस की गारंटी ने चुनौती पेश किया। लिहाजा बीजेपी की भी तरफ से लोकलुभावन फैसले लिए गए। इसके साथ ही बीजेपी ने यह बताने की कोशिश की कांग्रेस जहां भी शासन में रही उसने क्या किया। लेकिन हमने तो यह करके दिखाया है। इसके साथ ही जिस तरह से अग्निवीर के मुद्दे पर युवाओं में नाराजगी थी तो उसे दूर करने का प्रयास किया। इसके साथ ही हरियाणा के चुनाव में लोगों ने यह भी सोचा कि सरकार ऐसी होनी चाहिए जिसकी सत्ता केंद्र में हो। अब चूंकि केंद्र में बीजेपी सत्ता में थी। लिहाजा जनता ने सोचा कि सरकार बदलने से फायदा नहीं होगा।

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