क्या केजरीवाल के इस्तीफे वाले दाव से हरियाणा चुनाव में भी दिखेगा असर?
हरियाणा की राजनीती से वाकिफ लोगों का कहना है कि केजरीवाल के इस कदम से फायदा तो होगा लेकिन कोई सीट आप जीत जाए ये मुश्किल है. हाँ इसकी वजह से अन्य पार्टियों के वोट जरुर कटेंगे.
Haryana Assembly Elections : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दो दिन बाद इस्तीफा देने की बात कहते हुए अचानक से राजीनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है. जमानत पर बाहर आने के बाद जिस तरह से केजरीवाल ने इस्तीफे की बात कही है, उससे अन्य दलों की जो राजनितिक रणनिति है वो भी कहीं न कहीं धरी रहे गयी. दरअसल केजरीवाल ने ये दांव मोटे तौर पर जनता की सहानभूति पाने के लिए खेला है. साथ ही केजरीवाल के इस कदम से हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को कुछ सहानुभूति मिलेगी.
बीजेपी या कांग्रेस किसी के भी कट सकते हैं वोट
हरियाणा में आम आदमी पार्टी के पास इतना जन समर्थन नहीं है, जिससे वो चुनाव जीत पायें. ये बात पार्टी को भी बखूबी पता है, यही वजह भी रही कि आप ने कांग्रेस के साथ गठबंधन का प्रयास किया और दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान पर कुछ हद तक दबाव भी बनाया कि गठबंधन हो जाए लेकिन हरियाणा प्रदेश कांग्रेस इस बात के लिए सहमत नहीं हुई और गठबंधन नहीं हुआ.
इस विषय पर हरियाणा के पत्रकार रविन्द्र कुमार सैनी का कहना है कि अरविन्द केजरीवाल के जेल से बाहर आकर चुनावी प्रचार करने से निश्चित तौर पर आम आदमी पार्टी के हरियाणा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनोबल में बढ़ोतरी होगी जिससे वो जी जान से मेहनत करके अपने वोटों में कुछ इजाफा तो जरुर कर लेंगे लेकिन सीट जीत जाएँ ऐसा फ़िलहाल मुश्किल ही नज़र आ रहा है. जहां तक आम आदमी पार्टी के वोट काटने की बात है तो ये उम्मीदवार और सीट के हिसाब से तय होगा कि आप किस सीट कांग्रेस और किस पर भाजपा को नुक़सान पहुँचा रही है. चूँकि केजरीवाल हरियाणा से ही ताल्लुक रखते हैं और वैश्य समाज से हैं. अगर उनके इस्तीफा देने की बात पर उन्हें वैश्य समाज की सहानुभूति मिलती है तो उससे बीजेपी के वोट कटेंगे क्योंकि वैश्य समाज को बड़े तौर पर बीजेपी का ही वोटर माना जाता है. वहीँ आप भी अलग अलग सीट से चुनाव लड़ रही है तो ऐसे में कांग्रेस के वोट काटने की भी आशंका है. मगर वह हर सीट के उम्मीदवार पर भी निर्भर करेगा.
हरियाणा से ही ताल्लुक रखने वाले पत्रकार जीतेंद्र भरद्वाज का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने जिस तरह से इस्तीफा दिया है, उससे सहानुभूति तो मिलेगी. हरियाणा में आप का जनाधार अभी उस स्थिति में नहीं है कि वो कोई सीट निकाल पाए. हाँ केजरीवाल के इस कदम से उन्हें हरियाणा में भी सहानुभूति मिलेगी और वो अन्य पार्टियों के वोट ज्यादा काटने का काम करेगी.