J&K Election: एलजी को पावर या फिर बेरोजगारी, जानें चुनाव में क्या रहे अहम मुद्दे
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J&K Election: एलजी को पावर या फिर बेरोजगारी, जानें चुनाव में क्या रहे अहम मुद्दे

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाते हुए दिख रही है. लेकिन अभी भी सटीक आंकड़ें आने बाकी हैं.


Jammu and Kashmir elections: जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी है. हालांकि, रुझानों में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाते हुए दिख रही है. लेकिन अभी भी सटीक आंकड़ें आने बाकी हैं. इस राज्य में 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं. इस दौरान आर्टिकल 370 को खत्म कर जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बना दिया गया है. साल 2014 में बीजेपी और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के गठबंधन की सरकार बनी थी. तब से लेकर आज तक मुद्दों में कई तरह के बदलाव हो चुके हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार जम्मू-कश्मीर चुनाव में कौन-कौने से मुद्दे हावी रहे.

बीजेपी ने अपने प्रचार के दौरान कांग्रेस और एनसी पर हमला करते हुए इस पर पाकिस्तान के साथ संबंध रखने, वंशवाद का आरोप लगाया. वहीं, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर से पूर्ण राज्य का दर्जा छीनने, बेरोजगारी और दस वर्ष तक राज्य की उपेक्षा करने के आरोप लगाए. इसके साथ ही अनुच्छेद 370, पूर्ण राज्य का दर्जा, राज्यपाल की शक्तियां, जमीन का मालिकाना हक जैसे मुद्दों को भी राजनीतिक दलों ने खूब भुनाया.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 10 साल बाद हुए. इस दौरान अनुच्छेद-370 और 35ए को खत्म कर दिया गया. बीजेपी ने पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. राज्य का दर्जा छीनकर केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया और लेह-लद्दाख को अलग कर दिया गया.

जब पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में तख्तापलट का दौर चल रहा है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर के ये चुनाव अहम किरदार निभाते हुए नजर आए. इन चुनावों को कराने से भारत की अंतरराष्ट्रीय पटल पर साख बढ़ेगी और यह पड़ोसी देशों के लिए एक सबक की तौर पर होगा.

एलजी की शक्तियों पर विवाद

पहले जब जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य था, जब अन्य राज्यों की तरह राज्यपाल की तरह वहां के गवर्नर की शक्तियां सीमित थीं. लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनते ही राज्य का बागडोर उपराज्यपाल (एलजी) के पास आ गई. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को अब कहीं अधिक प्रशासनिक शक्तियां मिली हुई हैं. अब जम्मू-कश्मीर में भी सरकार बिना एलजी की सहमति से ट्रांसफर और पोस्टिंग नहीं कर पाएगी. हालांकि, एलजी की इन शक्तियों पर कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी विरोध कर रही हैं.

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