आंकड़ों से जानिये संसद में किस जाति/समुदाय का प्रतिनिधित्व घटा किसका बढ़ा
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आंकड़ों से जानिये संसद में किस जाति/समुदाय का प्रतिनिधित्व घटा किसका बढ़ा

ये चुनाव एक ओर जहाँ बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए ने सबका साथ सबका विकास के नारे को बुलंद किया और इस बात पर जोर दिया कि हिन्दू जातियों में बंटे नहीं, तो इंडिया गठबंधन ने जाति आधारित बात की और समाजिक न्याय और हिस्सेदारी के नारे को आगे बढाया.


Loksabha 2024 caste/community representation update: लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुके हैं. नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. इस बीच गौर करें तो ये चुनाव एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अलग अलग सिद्धांतों के साथ लड़ा. एक ओर जहाँ बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए ने सबका साथ सबका विकास के नारे को बुलंद किया और इस बात पर जोर दिया कि हिन्दू जातियां एक रहें बंटे नहीं. यानी हिन्दुत्व को आगे रख कर सबको साथ लेकर चलने की बात की. वहीँ दूसरी ओर इंडिया गठबंधन ने जाति आधारित बात की और समाजिक न्याय और हिस्सेदारी के नारे को आगे बढाया. इसके साथ ही इंडिया गठबंधन ने संविधान खतरे में होने और आरक्षण के खतरे में होने का डॉ भी फैलाया. इस बीच जो परिणाम आये उसमें देखने को मिला कि इंडिया गठबंधन को पिछले चुनावों के मुकाबले लाभ हुआ और हिन्दू वोट जाति के नाम पर खंडित हुआ, जिससे एनडीए ख़ास तौर से बीजेपी को नुक्सान हुआ.

अब गौर करते हैं कि दोनों ही गठबंधन की ओर से किस जाति/धर्म के कितने उम्मीदवार मैदान में उतारे गए थे और उनमें से किसके कितने सांसद चुन कर आये हैं, जो इनके माध्यम से अपने अपने जाति/धर्म का प्रतिनिधित्व संसद में करेंगे.


अगड़ी जाति का प्रतिनिधित्व घटा

2024 के लोकसभा चुनाव में अगड़ी जाती का प्रतिनिधित्व पिछली बार के मुकाबले घटा है. 2019 में अगड़ी जाति का प्रतिनिधित्व 28.5% था जबकि 2024 में ये घट कर 25.8% रह गया है. एनडीए ने अगड़ी जाति के 31.3% उम्मीदवार उतारे और इंडिया ने 19.2%. इनमें से अगड़ी जाति के एनडीए के 33.2% सांसद चुन कर आये हैं और इंडियन गठबंधन के 12.4% सांसद चुन कर आये. इन अगड़ी जातियों में से एनडीए ने 14.9 प्रतिशत ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 14.7% सांसद चुने गए हैं. वहीँ इंडिया गठबंधन ने 10 प्रतिशत ब्राह्मण उतारे, जिनमें से 5.9 प्रतिशत सांसद चुन कर आये हैं. एनडीए ने 7 प्रतिशत राजपूत मैदान में उतारे, जिनमें से 8.7% सांसद चुने गए हैं. इंडिया गठबंधन ने 2.7 प्रतिशत उम्मीदवार उतारे जिनमें से 1.5% सांसद में पहुंचे हैं. इसके अलावा अन्य अगड़ी जातियों के 9.4 प्रतिशत उम्मदीवार एनडीए ने उतारे थे, जिनमें से 9.8% सांसद पहुंचे हैं. वहीँ इंडिया गठबंधन ने 6.5% उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 5% सांसद चुने गए हैं.


मध्यवर्ती जातियां के प्रतिनिधित्व में भी आई कमी

इनके अलावा मध्यवर्ती जातियों के प्रतिनिधित्व की बात करें तो इस बार ये भी पिछली बार के मुकाबले घटा है. 2019 में ये आंकड़ा 14.4% था, जो इस बार 13.6% रह गया है. एनडीए ने कुल 15.3% उम्मीदवार मैदान में उतारे जिनमें से 15.7% सांसद बने. इंडिया गठबंधन ने 15.7% उम्मीदवार मैदान में उतारे, जिनमें से 11.9% सांसद बने हैं. इन मध्यवर्ती जातियों में मराठा, जाट, लिंगायत, पाटीदार, रेड्डी, वोक्कालिगा व अन्य मध्यवर्ती जातियों का आंकड़ा शामिल है.


ओबीसी जातियों का प्रतिनिधित्व बढ़ा

2024 लोकसभा में ओबीसी प्रतिनिधित्व बढ़ा है. 2019 संसद की बात करें तो ओबीसी का प्रतिनिधित्व 22.8% था, जो 2024 में बढ़ कर 25.4% पहुँच गया है. एनडीए ने इस चुनाव में 25.5% ओबीसी उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से 26.2% सांसद चुने गए हैं. वहीँ इंडिया गठबंधन ने 26.9% ओबीसी उम्मीदवार मैदान में उतारे गए थे, जिनमें से 30.7% सांसद चुने गए हैं.


अनुसूचित जातियां का प्रतिनिधित्व मामूली बढ़ा

अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व इस लोकसभा में पिछली लोकसभा के मुकाबले बढ़ा है. 2019 में ये 15.5% था जो 2024 में बढ़ कर 15.8 प्रतिशत हो गया है. एनडीए की बात करें तो उसने इस चुनाव में 15.8% उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से 13.3% सांसद चुने गए हैं. वहीँ इंडिया गठबंधन ने 17.6% उम्मीदवार मैदान में उतारे गए, जिनमें से 17.8 प्रतिशत सांसद चुने गए हैं.


अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व में कोई फर्क नहीं

अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के आंकड़े में कोई फर्क नहीं आया है. 2019 और 2024 में जीत कर आये सांसदों का येआंकड़ा 10.1% ही है. एनडीए ने 2024 में 10 प्रतिशत उम्मीदवार उतारे, जिनमें से 10.8% जीते. इंडिया गठबंधन ने इस चुनाव में 9.6 प्रतिशत उम्मीदवार मैदान में उतारे, जिनमें से 9.9% सांसद चुने गए हैं.


मुसलामानों का प्रत्निधित्व मामूली घटा

आंकड़ों के मुताबिक 2019 के मुकाबले 2024 में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व संसद में .6% घटा है. 2019 में ये आंकड़ा 5 प्रतिशत था, जबकि इस बार ये 4.4% रह गया है. एनडीए ने इस बार .9% उम्मीदवारों को मैदान में उतरा जिसमे से 0% सांसद पहुंचे. वहीँ इंडिया गठबंधन ने 7.3 % उम्मीदवार मैदान में उतारे, जिनमें से 7.9% सांसद चुने गए हैं.


ईसाईयों के प्रतिनिधित्व में कोई फर्क नहीं, सिखों का प्रतिनिधित्व मामूली बढ़ा

2019 के मुकाबले 2024 में सिखों का प्रतिनिधित्व .4% बढ़ा है. 2019 में सिखों का प्रतिनिधित्व 2% था, जो इस बार 2.4% प्रतिशत है. एनडीए ने .4 प्रतिशत उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 0% संसद में पहुंचे है, वाहून इंडिया गठबंधन ने 2.2% उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से 5% संसद में पहुंचे हैं. वहीँ ईसाईयों का प्रतिनिधित्व 2019 और 2024 में एक जैसा ही रहा है, जो 1.3% है. एनडीए की तरफ से .2% उम्मीदवार उतारे गए, जिनमें से 0% संसद में पहुंचे, वहीँ इंडिया गठबंधन ने 2.7% उम्मीदवार उतारे, जिनमें से 3.5% संसद में पहुंचे हैं.


नोट : ये डेटा एसपीआईएन-पीईआर प्रोजेक्ट द्वारा एकत्रित ऐतिहासिक डेटा पर भी आधारित है.


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