6 चरण तक ऐसा रहा चुनाव, कहीं  टूटी भाषा की मर्यादा तो कोई बयानों की आंधी में उड़ा
x
आम चुनाव 2024 के ये हैं खास चेहरे

6 चरण तक ऐसा रहा चुनाव, कहीं टूटी भाषा की मर्यादा तो कोई बयानों की आंधी में उड़ा

आम चुनाव 2024 अब अपने अंतिम चरण की तरफ है. सातवें फेज के लिए भोपुओं का शोर आज थम जाएगा. अब तक के 6 चरणों में क्या कुछ मुद्दे हावी रहे, किस तरह से राजनीतिक का तापमान चढ़ता गया उस पर बात करेंगे.


LokSabha Elections 2024: आम चुनाव 2024 के अंतिम चरण के साथ ही सभी 543 सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी. औपचारिक नतीजों के ऐलान के साथ ही साफ भी हो जाएगा कि मौजूदा सरकार में लोगों ने तीसरी बार भरोसा जताया या विपक्ष अपनी बात कहने में कामयाब रहा है.अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में आने में कामयाब होते हैं तो वो पहले गैर कांग्रेसी नेता होंगे जिन्हें एक बार और जनता का सेवा करने का मौका मिलेगा. यही नहीं वो लंबे समय तक राज करने वाले पीएम भी होंगे. क्योंकि इस सरकार का कार्यकाल 2029 तक रहेगा. इन सबके बीच हम बात करेंगे कि छह पड़ाव को पार कर चुके इस चुनाव में खास क्या रहा.

नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी
अगर चेहरों की बात करें तो एनडीए की तरफ से नरेंद्र मोदी के नाम का औपचारिक तौर पर ऐलान किया गया है. जबकि इंडी गठबंधन को राहुल गांधी लीड कर रहे हैं. वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी दोनों के साथ मुकाबला कर रही हैं. नरेंद्र मोदी जहां एक तरफ विपक्षी चेहरों को दिशाहीन बताते हैं, वहीं विपक्ष पुरजोर तरीके से नरेंद्र मोदी की मुखालफत कर रहा है. मुखालफत का पहला मामला तब सामने आया जब आम चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर रहा था. सात चरण के मुद्दे पर विरोधी दलों (राहुल गांधी- ममता बनर्जी) की प्रतिक्रिया आई. सभी दलों ने कहा कि इतने चरणों में मतदान के जरिए सत्तासीन दल को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, हालांकि आयोग ने साफ कर दिया कि जरूरतों के हिसाब से चुनाव को सात चरणों में कराया जा रहा है. इन सब बहस के बीच पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को और 6वें चरण का चुनाव 25 मई को संपन्न हुआ.

सात चरणों में चुनाव

  • पहला चरण- 19 अप्रैल
  • दूसरा चरण- 26 अप्रैल
  • तीसरा चरण- 7 मई
  • चौथा चरण- 13 मई
  • पांचवां चरण- 20 मई
  • छठवां चरण- 25 मई

ये मुद्दे छाए रहे

  • समय पर वोटिंह परसेंट ना बताना
  • मंगलसूत्र
  • विरासट टैक्स
  • ओबीसी में मुस्लिम आरक्षण
  • मोदी की गारंटी
  • राहुल गांधी की गारंटी
  • तेजस्वी का मछली खाने वाला विवाद
  • नवीन पटनायक का स्वास्थ्य

ये हैं कुछ विवादित बयान

  • खड़गे का शिव Vs राम... कांग्रेस की मुश्किलें तमाम
  • टीएमसी को वोट देने से बेहतर है बीजेपी को वोट दे दो- कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी का बयान
  • रायबरेली की बात करते हैं, अरे प्रेम रहता तो वायनाड में पर्चा भरने से पहले यहां की भी बात कर लेते
  • टीएमसी नेता कुणाल घोष ने बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी की तारीफ की, देखो देखो वो रोज प्रचार कर रहा है हम लोग क्या कर रहे हैं.
  • मोदी जी की तीन महबूबा महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी उनको चुनाव हरवा रही हैं.
  • यूपी के फर्रुखाबाद में सलमान खुर्शीद की भतीजी द्वारा दिया गया वोट जिहाद का बयान


क्या कहते हैं जानकार

जानकारों का कहना है कि अगर आप 6 चरणों के चुनाव को देखें तो वोटिंग पर्सेंट 2019 की तुलना में कम है. हालांकि पश्चिम बंगाल अपवाद है. वोटिंग पर्सेंट के बारे में सामान्य तौर पर ऐसा कहा जाता है कि अगर यह ज्यादा है तो सत्तासीन दल के खिलाफ है. लेकिन 2019 का चुनाव इस तर्क को झुठला देता है. अगर आप पहले चरण के चुनाव को देखें तो नेताओं के बयान फेज दर फेज बदलते गए. मसलन बीजेपी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में आर्थिक सर्वेक्षण के मुद्दे को पकड़ते हुए मंगलसूत्र का नारा बुलंद किया.

अगर आप देखें तो पीएम मे मंगलसूत्र वाली बात राजस्थान के बांसवाड़ा में की थी. उस जगह का अपना महत्व इसलिए था क्योंकि आदिवासी समाज में आभूषणों को लेकर क्रेज रहा है. वैसे तो वो स्थानीय स्तर पर बात कर रहे थे. लेकिन उसके असर को समझ रहे थे. लिहाजा कांग्रेस को सफाई तक देनी पड़ी. यही नहीं कांग्रेस के थिंक टैंक माने जाने वाले सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स की राग छेड़ दी. इस विषय पर पीएम मोदी ने कहा कि देखो जी ये लोग मेहनत करने वालों के हक पर डाका डाल रहे हैं. जब इनकी बारी आई तो भारत में विरासत टैक्स को खत्म कर दिया.

Read More
Next Story