नागपुर में सेंध लगा पाएगी MVA? राहुल से लेकर शरद पवार व उद्धव मैदान में उतरे, गढ़ बचाने RSS ने बनाई ये रणनीति
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नागपुर में सेंध लगा पाएगी MVA? राहुल से लेकर शरद पवार व उद्धव मैदान में उतरे, गढ़ बचाने RSS ने बनाई ये रणनीति

नागपुर जिले में कुल 12 विधानसभा सीट हैं. इनमें से 8 पर बीजेपी का कब्जा है. वहीं, कांग्रेस के खाते में 3 और शरद पवार की एनसीपी के पास 1 सीट है.


Maharashtra assembly elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोर-आजमाइश कर रही है. राज्य में सबसे कड़ा मुकाबला महा विकास अघाड़ी (MVA)और महायुति गठबंधन के बीच है. एमवीए में जहां कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) शामिल हैं. वहीं, महायुति में बीजेपी, एनसीपी (अजित पवार) और शिवसेना (शिंदे) हैं. महायुति जहां राज्य में दोबारा से सत्ता में वापसी के लिए प्रयास कर रही है. वहीं, एमवीएम लोकसभा चुनाव में मिली सफलता को भुनाना चाहती है. इस बार उसकी नजर बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले नागपुर पर है. क्योंकि नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय है और एमवीए नागपुर जीतकर देश भर में यह मैसेज देना चाहती है कि उसने संघ के किले में सेंध लगा दी है.

नागपुर जिले में कुल 12 विधानसभा सीट हैं. इनमें से 8 पर बीजेपी का कब्जा है. वहीं, कांग्रेस के खाते में 3 और शरद पवार की एनसीपी के पास 1 सीट है. ऐसे में इस बार एमवीए की नजर इन 12 सीटों में से अधिक से अधिक सीट जीतने पर रहने वाली है. क्योंकि अगर वह नागपुर जीत लेती है तो एक तरफ तो सत्ता में आने में मदद मिलेगी. दूसरी तरफ संघ के गढ़ को भेदकर एक संदेश देगी. एमवीए के लिए नागपुर की महत्ता इसी बात से लगाई जा सकती है. क्योंकि यहां प्रचार के लिए खुद राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे भी आ रहे हैं. हालांकि, संघ भी इस बात को भांप गया है. इसलिए उसने भी माइक्रो लेवल पर तैयारी शुरू कर दी है.

नागपुर जिले की सीटें

नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस चुनाव लड़ रहे हैं. वह यहां से पहले भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रफुल्ल गुडर्धे पाटील से है. वह इस क्षेत्र से 3 बार नगरसेवक रहे हैं. साल 2014 में भी उन्होंने फडणवीस को चुनौती दी थी. नागपुर-दक्षिण से बीजेपी ने विधायक मोहन मते को टिकट दिया है. वहीं, उनके खिलाफ कांग्रेस ने गिरीश पांडव को मैदान में उतारा है. वहीं, बीजेपी ने नागपुर-पूर्व सीट से कृष्णा खोपडे को चौथी बार उम्मीदवार बनाया है. उनके सामने शरद गुट के शहर अध्यक्ष दूनेश्वर पेठे हैं.

नागपुर-मध्य से इस बार से बीजेपी ने हलबा समाज के विकास कुंभारे का टिकट काटकर प्रवीण दटके को टिकट दिया है. इससे हलबा समाज नाराज दिख रहा है. वहीं, कांग्रेस ने बंटी शिल्के को उतारा है. इसी सीट पर संघ का मुख्यालय भी है. नागपुर-उत्तर से बीजेपी ने डॉ. मिलिंद माने को टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस ने विधायक नितिन राउत को एक बार फिर मौका दिया है. नागपुर-पश्चिम से कांग्रेस ने विकास ठाकरे को फिर से उतारा है. उनके सामने बीजेपी के सुधाकर कोहले हैं. कोहले 2014 में नागपुर-दक्षिण से विधायक थे. साल 2019 में उनका टिकट काटकर मोहन मते को दे दिया गया था.

हिंगणा से बीजेपी ने विधायक समीर मेघे को फिर से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, शरद गुट ने रमेश बंग को अपना उम्मीदवार बनाया है. कामठी सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले खुद चुनाव मैदान में हैं. वहीं, उनके खिलाफ कांग्रेस के सुरेश भोयर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, उमरेड सीट से बीजेपी ने सुधीर पारवे को उम्मीदवार बनाया है. निर्दलीय चुनाव जीतने वाले आशीष जायसवाल को इस बार शिंदे सेना ने रामटेक सीट से मौका दिया है. वहीं, उद्धव गुट से विशाल बरबटे मैदान में हैं.

सावनेर सीट से कांग्रेस के सुनील केदार की पत्नी अनुजा मैदान में हैं. बीजेपी ने आशीष देशमुख को उतारा है. काटोल सीट से विधायक अनिल देशमुख के बेटे सलिल को शरद गुट ने मौका दिया है. उनके सामने बीजेपी से चरण सिंह ठाकुर हैं.

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