Maharashtra polls: सुप्रिया सुले का आरोप- अपनी बीमार मां को राजनीति में घसीट रहे हैं अजित पवार
एनसीपी नेता अजित पवार अपने भतीजे एनसीपी (सपा) के युगेन्द्र पवार के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में हैं, जिन्हें शरद पवार ने पुरजोर समर्थन दिया है.
Maharashtra Assembly Election: एनसीपी (सपा) नेता सुप्रिया सुले ने मंगलवार को संकेत दिया कि उनके चचेरे भाई और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी मां को बारामती में अपनी समापन चुनावी रैली में बुलाकर उन्हें राजनीति में घसीट लिया है. अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार ने दावा किया कि उनकी मां आशा पवार का इलाज रोककर उन्हें मुंबई से बारामती ले जाया गया.
80 वर्षीय बुजुर्ग ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन सोमवार को बारामती के मिशन मैदान में अजित पवार की रैली में भाग लिया था. एनसीपी नेता अजित पवार अपने भतीजे एनसीपी (सपा) के युगेन्द्र पवार के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में हैं, जिन्हें शरद पवार ने पुरजोर समर्थन दिया है.
शरद पवार के वफादार श्रीनिवास पवार ने दावा किया कि उनकी मां ने उनसे कहा था कि वह अजित पवार की रैली में शामिल नहीं होंगी. सुले ने कहा कि "मैं हमारी काकी (आशा अनंतराव पवार) को रैली में देखकर हैरान हूं. क्योंकि वह कभी राजनीति में नहीं रहीं. मुझे लगता है कि उनका हमारी राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. उन्हें राजनीति में क्यों घसीटा जाना चाहिए?"
उन्होंने कहा कि आशा पवार ने पहले कभी भी एनसीपी की किसी रैली में भाग नहीं लिया था. बारामती से सांसद ने कहा कि "मैंने उन्हें मास्क पहनकर रैली में भाग लेते देखा। मैं बेचैन महसूस कर रही हूं. क्योंकि उनका इलाज चल रहा है. युगेन्द्र के पिता शिरनिवास पवार ने दावा किया कि आशा पवार को हाल ही में उनका इलाज रोककर मुंबई से बारामती ले जाया गया था.
श्रीनिवास पवार ने दावा किया कि "मैंने उनसे (अजित पवार की) रैली से एक दिन पहले मुलाकात की थी और पूछा था कि क्या वह कार्यक्रम में आएंगी. उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया और कहा कि वह दो कदम भी नहीं चल सकतीं हैं" उन्होंने कहा कि "चुनाव परिणाम आने के बाद (23 नवंबर को) मेरी मां मुंबई लौट आएंगी और अपना इलाज जारी रखेंगी." श्रीनिवास के अनुसार, आशा पवार पहले ही 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए 'घर से मतदान' सुविधा के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुकी हैं.
उन्होंने कहा कि "मैंने उनसे मजाक में यह भी पूछा कि उन्होंने किसे वोट दिया है. लेकिन उन्होंने इसे गुप्त रखना ही बेहतर समझा. मैंने उनसे यहां तक कहा कि उन्होंने सही निर्णय लिया है (किसे वोट देना है). क्योंकि एक मां कभी कोई गलत निर्णय नहीं लेती. अजित पवार के बेटे जय पवार ने दावा किया कि उनकी दादी ने खुद रैली में शामिल होने का फैसला किया था.