महायुति में सीटों पर घमासान! कुल सीट 288, BJP को चाहिए 160; बाकी 128 पर मानेंगी शिवसेना-एनसीपी?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर महायुति में खींचतान तेज होने की आशंका है. शिवसेना 100-105 सीटों पर दावा कर रही है. भाजपा को 160 सीट चाहिए. वहीं, एनसीपी 60-80 सीटों पर नजर गड़ाए हुए है.
Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर तीन दलों की महायुति में खींचतान तेज होने की आशंका है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिवसेना कुल 288 सीटों में से 100-105 सीटों पर दावा कर रही है. जबकि भाजपा 160 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारकर 2019 में फिर से जीतना चाहती है. वहीं, अजित पवार की एनसीपी 60-80 सीटों पर नजर गड़ाए हुए है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिवसेना ने हाल ही में मुंबई के अपने दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष 100 से अधिक सीटों के लिए बात रखी. शाह को इस लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के साथ-साथ अतीत में अविभाजित शिवसेना के प्रदर्शन पर एक प्रस्तुति दी गई.
रिपोर्ट्स की मानें तो सीट बंटवारे का फॉर्मूला इसी महीने तय हो सकता है. हालांकि. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अभी नहीं हुई है और शिवसेना को 80-90, जबकि एनसीपी को 50-60 सीटें मिल सकती हैं. इस बीच डिप्टी सीएम अजीत पवार ने भाजपा द्वारा 25 सीटों पर दोस्ताना मुकाबले के प्रस्ताव की खबरों का खंडन किया.
विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले को लेकर महायुति में चल रही खींचतान के बीच शिवसेना ने भाजपा को समझाया है कि उम्मीदवारों की घोषणा में देरी नहीं होनी चाहिए. जैसा कि लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था. महायुति के साझेदारों के कई पदाधिकारियों ने शिकायत की थी कि देरी के कारण उनके पास प्रचार के लिए बहुत कम समय बचा है, जिसकी वजह से कुछ सीटों पर खराब प्रदर्शन हुआ है.
शिवसेना का कहना है कि एक बार प्रत्येक पार्टी के लिए सीटों की संख्या तय हो जाने के बाद जीतने की संभावना बढ़ाने के लिए निर्वाचन क्षेत्रों की अदला-बदली की जा सकती है. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रत्येक सहयोगी को सीटों की एक सम्मानजनक संख्या देने का वादा किया है.
वहीं, भाजपा का मानना है कि लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन को देखते हुए, पार्टी को 100 से अधिक सीटों पर जीतने के लिए 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना होगा. साल 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने लगभग 160 सीटों पर चुनाव लड़ा और 105 पर जीत हासिल की. इस बार कोई लहर नहीं है. इसलिए, हर सीट पर लड़ना होगा. तीनों महायुति सहयोगियों को पर्याप्त संख्या में सीटें लानी होंगी. वरना वह सरकार नहीं बना सकती.