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'14 चुनाव लड़ चुका हूं, अब...' शरद पवार ने दिए राजनीति से सन्यास के संकेत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के तहत राज्य की सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे.
Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के तहत राज्य की सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं, मतगणना की प्रक्रिया 23 नवंबर को होगी. इस चुनाव में महा विकास अघाड़ी के तीन प्रमुख दल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के सामने लोकसभा चुनाव परिणाम को दोहराने की चुनौती है. वहीं, महायुति की बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना (शिंदे) अपनी सत्ता बचाने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के प्रमुख शरद पवार ने संसदीय राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी के बारामती उम्मीदवार युगेंद्र पवार के लिए वोट मांगते हुए 83 वर्षीय पवार ने सुपे गांव में कहा कि मैंने बारामती से 14 चुनाव लड़े हैं. आपने हमेशा मुझे चुना है. आपकी वजह से ही मैं विधायक, मंत्री और फिर चार बार मुख्यमंत्री बना. फिर, आपने मुझे कुछ साल पहले सांसद के रूप में लोकसभा भेजा. मैंने आम चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और राज्यसभा सांसद बन गया. मैं राज्यसभा में सांसद हूं और मेरा कार्यकाल डेढ़ साल में समाप्त हो जाएगा. अब मैं फिर से राज्यसभा सांसद नहीं बनने के बारे में सोच रहा हूं.
पवार ने कहा कि हालांकि, वह चुनावी या प्रांतीय राजनीति में शामिल नहीं होंगे. लेकिन वह अपना सार्वजनिक कार्य जारी रखेंगे. एनसीपी (SP) प्रमुख ने कहा कि मैंने 30 साल तक बारामती के विकास और प्रगति को संभाला और फिर 30 साल के लिए अजीत पवार को जिम्मेदारी सौंपी. यह जारी रहना चाहिए. इसलिए, हमें बारामती में जनसेवा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अगले 30 वर्षों के लिए युवा नेतृत्व को जिम्मेदारी देने की जरूरत है. इसलिए, विधानसभा चुनाव में इस उद्देश्य के लिए युगेंद्र को चुना जाना चाहिए.
एनसीपी (एसपी) ने युगेंद्र को उनके चाचा अजीत पवार के खिलाफ खड़ा किया है, जो बारामती से सात बार विधायक रहे हैं. शरद पवार के भतीजे अजीत पवार अविभाजित एनसीपी से अलग हो गए और पिछले साल महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में शामिल हो गए और उपमुख्यमंत्री बन गए.
बता दें कि बारामती में विधानसभा चुनाव इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव के बाद पवार परिवार के भीतर दूसरा संघर्ष होगा. उस समय एनसीपी (एसपी) की उम्मीदवार सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराया था.
शरद पवार ने कहा कि यह उनके कार्यकाल के दौरान था कि उन्होंने बारामती में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए सिंचाई परियोजनाएं शुरू कीं. लेकिन दुर्भाग्य से, उनके बाद सत्ता संभालने वालों ने क्षेत्र में खेती के लिए आवश्यक परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैंने युवाओं को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में उद्योग लाने में भी कामयाबी हासिल की. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और खेती में सुधार लाने के लिए शैक्षिक और अन्य संगठन शुरू किए.