जीत जिस भी गठबंधन की हो, महाराष्ट्र में 2019 वाला दिख सकता है नजारा
महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों के लिए नतीजों का औपचारिक ऐलान 23 नवंबर को होगा। लेकिन उससे पहले सीएम कुर्सी को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है।
Maharashtra Elections Result 2024: 23 नवंबर को देर शाम तक साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र में किस तरह की तस्वीर उभर कर सामने आ रही है। महायुति(Mahayuti) या महाविकास अघाड़ी(Mahavikas Aghadi) बाजी मारेगी या विधानसभा त्रिशंकू होगी। अब दोनों सूरत में एक बात तो तय है कि सीएम की कुर्सी पर खटपट होनी तय है। अब आप सोच रहे होंगे कि इसके पीछे वजह क्या है। दरअसल चुनाव के बीच और चुनाव वाले दिन महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों कैंप से खबर ही इस तरह की आई।
चुनाव प्रचार के बीच गृहमंत्री अमित शाह(Amit Shah) से सीएम चेहरे को लेकर सवाल पूछा गया था। सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि अभी जो आप देख रहे हैं वो आपके सामने हैं। लेकिन नतीजों के बाद देखा जाएगा। इसी तरह का सवाल चुनाव वाले दिन महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले(Maharashtra Congress Presisent Nana Patole) से पूछा गया उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अघाड़ी में सबसे बड़ी है लिहाजा सीएम तो कांग्रेस का ही होगा। इस जवाब के तुरंत बाद शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता संजय राउत(Sanjay Raut) ने कहा कि अगर इस तरह की बात है तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और खड़गे साहब को साफ तौर ऐलान कर देना चाहिए। सवाल यह है कि 2019 की घटना का जिक्र क्यों किया जा रहा है।
साल 2019 में जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे (Maharshtra Election result 2019) जब सामने आए तो जनता ने बीजेपी और शिवसेना को सरकार बनाने का मौका दिया। लेकिन मामला इस बात पर फंसा की सीएम किस धड़े से होगा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे कहते रहे कि बीजेपी ने उन्हें सीएम बनाने का जो वादा किया था उसे पूरा किया जाना चाहिए। लेकिन बीजेपी ने ऐसे किसी वादे से नकार दिया। इन सबके बीच जब राजभवन में देवेंद्र फणनवीस और अजित पवार यानी शरद पवार (sharad pawar) के भतीजे सीएम-डिप्टी सीएम की शपथ लेते नजर आए तो एक बात साफ हो गई कि महाराष्ट्र की राजनीतिक ने अपना चेहरा बदल लिया है।
अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार एक्टिव हुए। अपने भतीजे को कामयाब हुए और इस तरह से राज्य की सियासत में महाविकास अघाड़ी का जन्म हुआ। उद्धव ठाकरे सीएम बन गये। महाविकास अघाड़ी का बनना विचारधारा की मेल की जगह अपनी महत्वाकांक्षाओं को हासिल करने की कवायद थी। उद्धव ठाकरे करीब सवा दो साल तक ही सत्ता पर काबिज रह पाए। उनके सबसे विश्वस्त रहे एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) ने बगावत की और बीजेपी की मदद से सीएम की कुर्सी पर काबिज हो गये। लेकिन सवाल 2019 वाला है कि 2024 में सीएम कौन। इसकी झलक अमित शाह और नाना पटोले के बयान में देखी जा रही है। सियासत के जानकार कहते हैं कि मान लीजिए कि विधानसभा में किसी गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो महाराष्ट्र की राजनीति फिर किस करवट बैठेगी उसके बारे में आप कयास लगाने के लिए आजाद हैं क्योंकि महायुति में हिस्सेदार अजित पवार कहते हैं कि अब राज्य में विचारधारा वाली बात को आप एक किनारे कर दीजिए।