झारखण्ड में मैया सम्मान तो महाराष्ट्र में लड़की बहिन योजना ने पार लगायी नैया
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झारखण्ड में मैया सम्मान तो महाराष्ट्र में लड़की बहिन योजना ने पार लगायी नैया

महाराष्ट्र और झारखण्ड में नारी शक्ति का दम देखने को मिला है. रुझानों में जिस तरह से दोनों प्रदेशों में सत्ता धारी दलों को बढ़त मिलती दिख रही है, वो इसी ओर इशारा कर रही है कि आधी आबादी ने पूरी ताकत के साथ उसका साथ दिया, जिसने महिलाओं को आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई.


Assembly Elections Results 2024 : महाराष्ट्र और झारखण्ड चुनाव परिणाम के लिए वोटों की गिनती चालू है. रुझानों में महाराष्ट्र की सत्ता महायुती के पास जाति दिख रही है तो झारखण्ड में INDIA ब्लॉक के पास. रुझानों में देखें तो महायुती 200 से ज्यादा सीटों पर फिलहाल आगे चल रही है, वहीँ झारखण्ड में INDIA ब्लॉक 50 सीटों पर आगे चल रही है. इन दोनों प्रदेशों के नतीजों के पीछे जो एक कारण सामान नज़र आ रहा है है, वो है नारी शक्ति. दोनों ही प्रदेशों की वो दो योजनायें, जिन्होंने महिलाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई, शायद यही वजह रही कि तमाम अन्य मुद्दों पर नारी शक्ति का मत भारी पड़ता दिख रहा है. ये दो योजनायें हैं महाराष्ट्र की ''लड़की बहिन योजना'' और झारखण्ड की ''मैया सम्मान योजना''.


पहले बात करते हैं मैया सम्मान योजना
झारखंड सरकार की ये योजना महिला कल्याणकारी योजना है. इस योजना के तहत, महिलाओं को सालाना 12,000 रुपये की राशि दी जाती है, जिसमें से हर महीने 1,000 रुपये दिए जाते हैं. इस योजना का मकसद, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों की महिलाओं की मदद करना है, ख़ासतौर से माँ को.
यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए है. इस योजना का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को दिलाने के लिए, कार्यकर्ताओं को गांव-गांव में बैठकर वंचित महिलाओं को चिह्नित करने के लिए कहा गया था.

महाराष्ट्र की लड़की बहिन योजना
महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री ''माझी लड़की बहन योजना'' के तहत, 21 से 65 साल की पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. यह योजना महिलाओं के आर्थिक आत्मनिर्भरता, स्वास्थ्य, और पोषण में सुधार करने के लिए शुरू की गई है. इसके साथ ही, परिवार के फ़ैसलों में महिलाओं की भूमिका को मज़बूत करना भी इसका मकसद है.
इस योजना के तहत, महिलाओं को पैसे DBT के ज़रिए दिए जाते हैं. इस योजना में 2.34 करोड़ लाभार्थी हैं. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से, इस योजना में कोई नया लाभार्थी नहीं जोड़ा जा सकता. अगली किस्त चुनाव के बाद दिसंबर में दी जानी है. महाराष्ट्र की ये योजना मध्यप्रदेश की लाडली बहन योजना से प्रेरित है.

महिलाओं ने दिखाया दम
चुनाव के दौरान दोनों ही प्रदेशों में तमाम तरह के मुद्दे उठाये गए. भ्रष्टाचार, जातिवाद, धर्म आदि. लेकिन जिस तरह से रुझान दिख रहे हैं, वो ये इशारा कर रहे हैं कि दोनों ही प्रदेशों में जो एक मुद्दा सबसे भारी पड़ा वो महिलाओं को आर्थिक मदद पहुँचाना. महिलाओं ने तमाम मुद्दों को दरकिनार करते हुए एक जुट होकर आर्थिक सहायता देने वाली योजना को ध्यान में रखते हुए वोट दिया और उसी का नतीजा अब रुझानों में दिख रहा है.

महाराष्ट्र में लड़की बहिन योजना के खिलाफ नहीं चल पाया विपक्ष का अजेंडा
महाराष्ट्र की महायुती सरकार ने लोकसभा चुनाव के बाद ही लड़की बहिन योजना को लागू किया, जो कहीं न कहीं मध्य प्रदेश की लाडली बहिन योजना से प्रेरित है. इस योजना के तहत महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में महिलाओं के खातों में किश्त भी पहुँच गयी लेकिन अचार संहिता लागू होने पर फिलहाल इसे रोक दिया गया. चुनाव प्रचार के दौरान INDIA ब्लॉक ने जनता को ये समझाने का भरसक प्रयास किया कि ये योजना सिर्फ चुनाव के लिए लागू की गयी या ये सिर्फ रिझाने के लिए है पर महिलाओं पर विपक्ष की बातों का कोई प्रभाव नहीं हुआ.


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