बंगाल में ममता बनर्जी का फॉर्मूला हिट, मां-माटी, मानुष ने फिर दिया मौका
पश्चिम बंगाल में इस बार का चुनाव प्रचार बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक वाला रहा. बीजेपी ने संदेशखाली के मुद्दे को उठाया. लेकिन वह काम नहीं आ पाया.
West Bengal Lok Sabha Election Result 2024: पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटों के लिए अधिकांश रुझान तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में दिख रहे हैं. इनके अनुसार, इस बार ममता की पार्टी 31 सीट जीत सकती है. वहीं, बीजेपी महज 10 सीटों पर सिमट सकती है. एग्जिट पोल के नतीजों के उलट जनता ने तृणमूल कांग्रेस को जनादेश दिया. यहां न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, सुवेंदु अधिकारी का धुंआधार चुनाव प्रचार काम आया और न ही संदेशखाली का कोई असर पड़ा. बीजेपी की पश्चिम बंगाल में सारी स्ट्रेटजी फेल होती नजर आई. जबकि, मां-माटी-मानुष ने ममता को सिर-आंखों पर बिठाया.
राज्य में इस बार का चुनाव प्रचार बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक वाला रहा. बीजेपी ने संदेशखाली के मुद्दे को जोरशोर से उठाया था. लेकिन वह बीजेपी के कुछ काम नहीं आ पाया. हालांकि, प्रचार के दौरान ऐसा लग रहा था कि इस मुद्दे ने राज्य के मतदाताओं को भी प्रभावित किया था. लेकिन इसके विपरीत मतदाता ममता बनर्जी के पक्ष में खड़े दिखे.
शिक्षक भर्ती घोटाला
अप्रैल में शिक्षक भर्ती घोटाले पर कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला आया, जिसने बंगाल में 25,000 नियुक्तियों को रद्द कर दिया. हालांकि, टीएमसी के लिए यह फैसला किसी बुरे सपने से कम नहीं था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. लेकिन भाजपा ने इस मुद्दे का फ़ायदा उठाने और टीएमसी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी. लेकिन फिर भी जनता पर इसका कोई असर नहीं दिखा.
ओबीसी कोटा विवाद
चुनावों के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट के एक और फैसले ने टीएमसी को करारा झटका दिया. 22 मई को हाई कोर्ट ने साल 2010 के बाद पश्चिम बंगाल द्वारा जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया. भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया और ममता सरकार पर मुसलमानों को ओबीसी के अधिकार देने का आरोप लगाया. लेकिन तृणमूल कांग्रेस पर इसका कोई असर पड़ता हुआ दिखाई नहीं दिया.
बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस 34 लोकसभा सीटों पर कब्जा करने में कामयाब रही थी. वहीं, ममता बनर्जी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में 22 सीट जीती थी और बीजेपी 18 सीट लाने में कामयाब हो गई थी. लेकिन इस बार के रुझान दूसरी कहानी कहते हुए नजर आ रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में 31 सीट जीत सकती है. जबकि, बीजेपी के हिस्से में महज 10 सीटें ही मिलते हुए नजर आ रही हैं.
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने वाली भाजपा ने राज्य में अपनी बढ़त का विस्तार किया. लेकिन इसका नतीजा साल 2024 के लोकसभा चुनावों के रुझान में दिखाई नहीं दिया. वहीं, सीटों और वोट शेयर के लिहाज से भाजपा की साल 2019 में 2014 की तुलना में बहुत बड़ी छलांग थी.