Maharashtra Assembly Elections : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कड़ा मुकाबला है. दोनों ही गठबंधन के लिए उनकी पहली चुनौती अपने अपने घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की थी, जो लगभग पूरी हो चुकी है. लेकिन इस दौरान महा विकास अघाड़ी ( MVA ) की ओर से इंडिया गठबंधन के एक साथी को निराशा हाथ लगी है. ये साथी कोई और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के राहुल गाँधी के साथी अखिलेश यादव हैं, जिन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में MVA से 5 सीटें मांगी थी. उन्होंने हरियाणा चुनाव व गठबंधन फर्ज को याद भी दिलाया थ लेकिन ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव की धमकी और फर्ज याद दिलाने वाली बात उनके कुछ काम नहीं आई, क्योंकि जिन 5 सीटों की मांग अखिलेश ने की थी, उनमें से तीन पर MVA ने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. अब सवाल ये उठता है कि क्या समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में चुनाव मैदान में उतरेगी या नहीं?
समाजवादी पार्टी ने क्या माँगा था क्या मिला?
ज्यादा दिन नहीं हुए जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र का दौरा किया और दो जिलों में जनसभा भी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो MVA से 5 सीटों की उम्मीद रखते हैं, उन्होंने सीटों के नाम भी बताए. इसके साथ ही उन्होंने MVA को गठबंधन धर्म भी याद दिलाया और हरियाणा में कांग्रेस ने जो किया था वो भी याद दिलाया. दबाव भी बनाया. लेकिन MVA पर शायद अखिलेश यादव की किसी भी बात का कोई असर देखने को नहीं मिला. MVA ने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया और जिन 5 सीटों पर अखिलेश यादव दावा ठोक रहे थे, उनमें से 3 पर MVA ने उम्मीदवार उतार दिए हैं. अब अखिलेश यादव के सामने काटों तो खून नहीं वाली परिस्थिति बन गयी है क्योंकि सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आज़मी ने शरद पवार स भी मुलाकात भी की थी और कांग्रेस को अपनी दावेदारी वाली सीटों की सूची भी भेज दी थी. लेकिन तमाम कवायदों के बावजूद किसी ने सपा को कोई महत्व नहीं दिया.
अखिलेश यादव असमंजस में
MVA द्वारा समाजवादी पार्टी को तवज्जो न देने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने असमंजस की स्थिति बन गयी है. वजह है उनके द्वारा बनायी गयी रणनिति. जिसके तहत उन्होंने मालेगांव और धुले जाकर जनता से समाजवादी पार्टी के लिए वोट भी मांगा, सिर्फ इतना ही नहीं अपने दो दिनों के महाराष्ट्र दौरे पर रहते हुए अखिलेश यादव ने कम से कम बारह सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. क्योंकि उस समय MVA में सीट बंटवारा नहीं हुआ था. अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से दबाव बनाने में कोई कसार नहीं छोड़ी थी लेकिन वो सब बेकार ही साबित हुआ. शायद यही वजह रही कि अखिलेश यादव ने कहा कि राजनीति में त्याग के लिए कोई जगह नहीं होती. उन्होंने कहा कि आगे क्या करना है, इस पर समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष फैसला करेंगे. देखना ये होगा कि अब अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी क्या कदम उठाती है. MVA के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारती है या नहीं.