कुछ चेहरे आउट कुछ इन और कुछ नाम चौंका गए, हारे हुए सभी मंत्री बाहर
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कुछ चेहरे आउट कुछ इन और कुछ नाम चौंका गए, हारे हुए सभी मंत्री बाहर

नरेंद्र मोदी कैबिनेट पंजाब से रवनीत सिंह बिट्टू का होना चर्चा के केंद्र में है. इसके साथ ही कुछ ऐसे नाम भी हैं जो चौंकाने वाले हैं.


Narendra Modi Cabinet: अगर कोई चुनाव हार जाए तो स्वाभाविक बात है कि मंत्रिपरिषद में उसका दावा कमजोर हो जाए. लेकिन मौजूदा नरेंद्र मोदी कैबिनेट को देखें को दो उदाहरण को आप अपवाद की तरह ले सकते हैं. मसलन पंजाब से रवनीत सिंह बिट्टू का और तमिलनाडु से एल मुरुगन का मंत्री बनना. बात अगर पंजाब की करें को बीजेपी के खाते में शून्य सीट और कुछ वैसे ही तमिलनाडु का भी नतीजा है. इन सबके बीच यहां पर हम बात करेंगे अनुराग ठाकुर और स्मृति ईरानी की. अनुराग ठाकुर पांचवीं बार हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से इलेक्शन जीतने में कामयाब रहे. लेकिन वो मंत्रिमंडल में जगह बनाने में कामयाब नहीं हुए. वहीं बात स्मृति ईरानी की करें तो वो इस दफा अमेठी सीट हार चुकी हैं और हार का आंकड़ा भी लाखों में है.

स्मृति ईरानी

पहले बात स्मृति ईरानी की करते हैं कि साल 2014 में पहली बार अमेठी सीट से किस्मत आजमायी हालांकि वो राहुल गांधी के मुकाबले चुनाव हार गईं, लेकिन मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मानव संसाधन मंत्री बनने में कामयाब हुईं. साल 2019 में उन्होंने अमेठी से राहुल गांधी को हरा दिया जो किसी आश्चर्य से कम नहीं था. अब उन्होंने उस शख्स को हराया था जिसका अपने आप में महत्व था और उन्हें एक बार फिर मंत्री पद का पुरस्कार मिला, लेकिन इस दफा की हार को आम लोग हों या खास हर कोई शर्मनाक बता रहा है. आखिर वजह क्या है. बता दें कि स्मृति ईरानी को ये हार गांधी परिवार के किसी सदस्य से नहीं मिली. बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ता से मिली. इस एक हार को विपक्षी बड़ी हार के तौर पर पेश कर रहे हैं.

अनुराग ठाकुर

अब बात करते हैं कि अनुराग ठाकुर की. अनुराग ठाकुर के रिपोर्ट कार्ड के बारे में कहा जाता है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने विभाग में बेहतर प्रदर्शन किया था. लिहाजा इनको जगह क्यों नहीं मिली. इस बात की चर्चा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना था. तकनीकि तौर पर जेपी नड्डा राज्यसभा सांसद हैं लेकिन दोनों लोगों का एक ही गृह राज्य होना अनुराग ठाकुर की राह में रोड़े की तरह आ गया.

ये चेहरे भी मोदी कैबिनेट से बाहर

अगर मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की बात करें तो मीनाक्षी लेखी, अर्जुन मुंडा, आर के सिंह, संजीव बालियान, निशिथ प्रमाणिक, अश्विनी चौबे नजर नहीं आएंगे. बता दें कि इनमें से मीनाक्षी लेखी और अश्विनी चौबे ने चुनाव नहीं लड़ा था.

रवनीत सिंह बिट्टू

रवनीत सिंह बिट्टू कहते हैं उन्हें तनिक भी अंदाजा नहीं था कि वो मंत्री बनने जा रहे हैं. उनके पास जब फोन आया तो वो अचंभे में थे. दरअसल वजह यह थी कि पंजाब में बीजेपी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रहा. लिहाजा इस तरह का फैसला किसी को भी हैरान कर सकता है. वो कहते हैं कि हो सकता है कि शीर्ष नेतृत्व ने कुछ सोच रखा हो. बीजेपी आलकमान तो चौंकाने वाले फैसलों के बारे में ही जाना जाता है. बता दें कि बीजेपी ज्वाइन करने से पहले बिट्टू कांग्रेस के कद्दावर नेता थे. इनका अपना राजनीतिक इतिहास भी है. इनका नाता पंजाब के पूर्व सीएम रहे बेअंत सिंह से भी है. राजनीति के जानकार बताते हैं कि यह संभव है कि बीजेपी ने 2027 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फैसला किया हो.

कमलेश पासवान

मोदी मंत्रिमंडल में एक और चौंकाने वाला नाम कमलेश पासवान का है. कमलेश पासवान पूर्वी यूपी के बांसगांव संसदीय क्षेत्र से चौथी बार चुन कर आए हैं. दलित समाज से नाता है. इनके बारे में कहा जाता है कि पिछले चार कार्यकाल में प्रदर्शन बेहतर रहा है और मंत्री पद इनाम है, जानकार यह भी कहते हैं कि कमलेश पासवान के जरिए बीजेपी अपने सामाजिक समीकरण को और मजबूत करने की कवायद में जुटी हुई है.

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