नई सरकार में NDA के सहयोगी चाहते हैं ये प्रोफाइल, इन मंत्रालयों की कर रहे हैं मांग!
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नई सरकार में NDA के सहयोगी चाहते हैं ये प्रोफाइल, इन मंत्रालयों की कर रहे हैं मांग!

केंद्र में बनने वाली नई सरकार में NDA के सहयोगी दल कथित तौर पर 10-12 मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं.


NDA Alliance: केंद्र में सरकार बनाने के लिए NDA के नेतृत्व वाले गठबंधन की दौड़ जारी है. वहीं, भाजपा के सहयोगी दलों ने कथित तौर पर 10-12 मंत्रालयों पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं. साल 2024 के चुनाव में भाजपा संसद में बहुमत हासिल करने से चूक गई और उसे सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगियों को खुश रखने के लिए मजबूर होना पड़ा. नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार में भाजपा के सहयोगी दल कथित तौर पर क्या मांग कर रहे हैं, वह इस प्रकार है.

टीडीपी

ज़्यादातर रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली टीडीपी स्पीकर पद और केंद्रीय मंत्रिमंडल में 3-4 पद पाने की कोशिश कर रही है. इससे पहले टीडीपी के पास नागरिक उड्डयन और आईटी राज्य मंत्री के पद थे, जब तक कि पार्टी साल 2018 में एनडीए सरकार से बाहर नहीं निकल गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीडीपी दो से तीन अन्य मंत्रालयों के अलावा वित्त राज्य मंत्री का पद भी चाह सकती है, जिससे आंध्र प्रदेश के विकास में मदद मिले. हालांकि, चर्चा यह है कि एनडीए संयोजक पद के लिए टीडीपी की कथित मांग को लेकर तनाव बढ़ रहा है. एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने एक राष्ट्रीय अखबार से बात करते हुए कहा कि टीडीपी को एक मांग पर अड़े रहना है- उन्हें या तो लोकसभा अध्यक्ष या एनडीए संयोजक का पद मांगना चाहिए. भाजपा नेतृत्व संभवतः बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की जेडी(यू) और टीडीपी दोनों की मांगों पर विचार कर रहा है. लेकिन, वह एनडीए संयोजक या लोकसभा अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए बहुत उत्सुक नहीं है. एक और अहम मुद्दा आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग है. नायडू के लिए यह एक संवेदनशील विषय है. क्योंकि साल 2018 में इसी मुद्दे पर वे एनडीए से बाहर हो गए थे. टीडीपी अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने में मदद की भी मांग कर रही है, जो नायडू के दिल के करीब की परियोजना है.

जेडीयू

जेडी(यू) कथित तौर पर रेलवे, कृषि, उद्योग, जल शक्ति, उर्वरक और 2 राज्य मंत्री पदों सहित प्रमुख मंत्रालयों के लिए पैरवी कर रहा है. बिहार के लिए विशेष दर्जा एक प्रमुख मांग है और इसी तरह देश भर में जाति जनगणना कराने की मांग भी है. वे इस बार भी तीन कैबिनेट पद और एक राज्य मंत्री पद चाहते हैं. लल्लन सिंह को भी मंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि पार्टी राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए भी इच्छुक है.

एचडी कुमारस्वामी

जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नई एनडीए सरकार में कृषि मंत्रालय पर नज़र गड़ाए हुए हैं. इसके अलावा अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें कृषि मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि, जेडीयू भी इस पद के लिए इच्छुक है. कुमारस्वामी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि हमारी पार्टी की रुचि कृषि विभाग में है. हमारी लड़ाई शुरू से ही कृषक समुदाय के लिए अच्छा करने की रही है.

चिराग पासवान

लोजपा के चिराग पासवान के अपने पिता दिवंगत रामविलास पासवान की तरह पूर्णकालिक मंत्री बनने की उम्मीद है. क्योंकि पार्टी ने जिन पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था, उन सभी पर जीत हासिल की है.

एकनाथ शिंदे

सात सीटों वाली एकनाथ शिंदे की शिवसेना को केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक सीट और एक राज्यमंत्री का पद दिया जा सकता है. शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे और श्रीरंग बारणे के नाम चर्चा में हैं. जनसेना को जेडी-एस के साथ मंत्रिमंडल में जगह मिलने की भी चर्चा है.

भाजपा ने खींची रेखा

इस बीच पता चला है कि भाजपा नेतृत्व ने सीमा तय कर ली है और एनडीए सहयोगियों के साथ इन छह प्रमुख मंत्रालयों को शेयर करने की उम्मीद नहीं है. ये मंत्रालय रेलवे, गृह, वित्त, रक्षा, कानून और सूचना प्रौद्योगिकी हैं. भाजपा ने अपने सहयोगी दलों का समर्थन भी बढ़ाया है. सात निर्दलीय और तीन छोटी पार्टियों के सांसद भाजपा को समर्थन देने के लिए आगे आए हैं. 10 और सांसदों के साथ एनडीए के पास अब 303 सांसदों का समर्थन है. 7 जून को एनडीए संसदीय दल की बैठक में विभागों पर अधिक स्पष्टता की उम्मीद है.

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