पूर्वांचल की इन सीटों पर सभी पार्टियों की नजर, जीत के लिए बना रहे खास रणनीति
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पूर्वांचल की इन सीटों पर सभी पार्टियों की नजर, जीत के लिए बना रहे खास रणनीति

लोकसभा चुनाव 2024 अपने आखिर दौर में पहुंच गया है. सात चरणों में होने वाले इस चुनाव के पांच चरण निपट चुके हैं. बाकी के लिए 25 मई और 1 जून को वोट डाले जाने हैं.


UP Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 अपने आखिर दौर में पहुंच गया है. सात चरणों में होने वाले इस चुनाव के पांच चरण निपट चुके हैं. बाकी दो चरण के लिए 25 मई और 1 जून को वोट डाले जाने हैं. यूपी के पूर्वांचल चुनाव के हिसाब से काफी अहम है. क्योंकि यहां आखिरी चरणों में मतदान होना है. जिनमें पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र भी शामिल है. पूर्वांचल में 27 लोकसभा सीटें आती हैं. इसलिए इंडिया गठबंधन और एनडीए ने पूरी ताकत झोंक दी है. एनडीए में सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल मैदान पर है तो इंडिया गठबंधन की तरफ से तृणमूल कांग्रेस को एक और कांग्रेस को पांच सीटें मिली है. बाकी सीटों पर समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं.

लाभार्थियों की सूची

बीजेपी ने इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिएए जल जीवन मिशन, मकान और शौचालय समेत अन्य योजनाओं के लाभार्थियों की सूची निकाली है. इस सूची के आधार पर बीजेपी के कार्यकर्ता मतदाताओं के पास जाकर उनको अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं. इन कार्यकर्ताओं में डॉक्टर, इंजीनियर, कारोबारी और दवा व्यापारी शामिल हैं. पार्टी खासकर पिछड़ा वर्ग पर अधिक फोकस कर रही है. जिस इलाके में जो जातियां रहती हैं. उनके बिरादरी के नेताओं को प्रचार के लिए भेजा जा रहा है.

बिरादरी के नेताओं को मिली जिम्मेदारी

बीजेपी के पदाधिकारियों की मानें तो वाराणसी समेत आसपास की सीटों के लिए इटावा, एटा, फर्रूखाबाद, मैनपुरी, सैफई के यादव नेताओं को प्रचार के लिए जमीन पर उतारा गया है. इसी तरह निषाद वाले इलाके में इसी बिरादरी के नेताओं को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

जनसभा पर नजर

पूर्वांचल की इन 27 सीटों के लिए इंडिया गठबंधन ने भी नई रणनीति अपनाई है. सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की जनसभाओं पर नजर रख रहे हैं. कांग्रेस की टीम बीजेपी के नेताओं के कार्यक्रम और उनके सवालों का जवाब तैयार कर अपने नेताओं को भेज रही है. इसके बाद संबंधित इलाके में अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की जनसभा लगाकर उन सवालों का जवाब दिया जा रहा है.

दिन में बैठक, रात में चौपाल

कांग्रेस और सपा ने हर विधानसभा क्षेत्र को बूथों में बांट रखा है. जिस बूथ पर जिस बिरादरी का वोट बैंक हैं, उसी के नेताओं को प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है. ब्राह्मण बहुल इलाके की जिम्मेदारी खुद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने संभाली है. वह दिन में सपा- कांग्रेस के नेताओं के साथ समन्वय बैठक कर रहे हैं और रात में ब्राह्मण बहुल इलाकों में चौपाल लगा रहे हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजपाल कश्यप निषाद, कश्यप और बिंद बिरादरी के साथ रात में बैठकें कर रहे हैं.

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