नफरत के एजेंडे को जनता ने किया परास्त, राहुल बोले- रीयल मुद्दे भारी पड़े
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नफरत के एजेंडे को जनता ने किया परास्त, राहुल बोले- रीयल मुद्दे भारी पड़े

6वें चरण में नई दिल्ली में राहुल गांधी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और कहा कि अब तक के पांच चरणों के चुनाव में जनता ने नफरत के एजेंडे को परास्त कर दिया है.


Rahul Gandhi News: 6वें चरण की 58 लोकसभा सीटों के लिए मत डालने का काम जारी है.गर्मी का असर मतदान पर नजर आ रहा है. हालांकि इन सबके बीच मतदाता धीरे ही सही कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. दिल्ली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने अपने मत का इस्तेमाल किया. राहुल गांधी ने सोनिया गांधी के साथ सेल्फी ली. अब तक की हुई वोटिंग प्रक्रिया पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश ने नफरत और झूठ को नकार दिया है. लोगों ने वास्तविक मुद्दों पर मतदान किया है.

'जनता ने नफरत को नकारा'
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि देशवासियों. पहले पांच चरणों के मतदान में आपने झूठ, नफ़रत और दुष्प्रचार को नकार कर अपने जीवन से जुड़े ज़मीनी मुद्दों को प्राथमिकता दी है. आज छठे चरण का मतदान है और आपका हर वोट सुनिश्चित करेगा कि युवाओं के लिए 30 लाख खाली सरकारी पदों पर भर्ती और 1 लाख रुपए साल की पहली नौकरी पक्की योजना शुरू हो जाए, गरीब परिवार की महिलाओं के खातों में 8,500 रुपए महीना आने लगे, किसान कर्ज़ मुक्त हों और उन्हें फसल पर सही MSP मिले, मजदूरों को 400 रुपए का दैनिक मेहनताना मिले. आपका वोट आपके जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ लोकतंत्र और संविधान की रक्षा भी करेगा. मां और मैंने लोकतंत्र के इस महापर्व में वोट डाल कर अपना योगदान दिया. आप सब भी बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकलिए, अपने अधिकार और परिवार के भविष्य के लिए वोट कीजिए.

बह रही है बदलाव की बयार
राहुल गांधी ने कहा कि वो देश के अलग अलग हिस्सों में चुनावी प्रचार के दौरान लोगों से मिले. उनके विचारों को समझने कोशिश की. आम लोग हों या खास हर किसी के दिल में बदलाव का भाव साफ नजर आ रहा था. जो अपनी बात शब्दों के जरिए व्यक्त नहीं कर पा रहे थे. उनके चेहरे से पता चल रहा था कि मौजूदा सरकार सिर्फ आंकड़ों के जरिए देश को तरक्की के राह पर ले जाने की दावा करती रही. हकीकत में तो युवा, ना किसान, ना जवान और ना व्यापारी खुश हैं. महंगाई की वजह से आम आदमी की कमर टूट गई है. सरकार इंफ्लेशन को कंट्रोल में करने की बात करती है.लेकिन आम लोगों को इन आंकड़ों से क्या लेना देना. बात विदेशी मुद्दों की हो तो चीन तो आंख दिखाता ही था. अब मालदीव जैसे छोटे से देश भी आंख दिखा रहे हैं. आखिर इस तरह से तो देश नहीं चल सकता. विपक्ष के नेताओं को बेवजह रंजिशन परेशान किया जा रहा है.केंद्रीय एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल हो रहा है. अब समय आ गया है जब देश की जनता अपने एक वोट की ताकत से इस गैरजिम्मेदार मोदी सरकार को उखाड़ फेंके.

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