सारण की लड़ाई में किसका बजेगा डंका, गढ़-विरासत बचाने की लड़ाई
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सारण की लड़ाई में किसका बजेगा डंका, गढ़-विरासत बचाने की लड़ाई

बिहार के सारण लोकसभा सीट पर सबकी नजर टिकी हुई है. इस सीट पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी में टक्कर है.


Saran Loksabha News : भारत की राजनीति में बिहार की भूमिका बेहद अहम है. वैसे तो इस राज्य से लोकसभा की कुल 40 सीटों के लिए चुनाव होता है. लेकिन इन सभी 40 सीटों की अपनी कहानी है, उनमें से एक है सारण लोकसभा सीट. बात जब सारण की होती है तो दो नामों का जिक्र करना भी जरूरी हो जाता है. एक नाम लोकनायक जय प्रकाश नारायण का है जिन्हें संपूर्ण क्रांति का जनक माना जाता है तो दूसरा नाम भिखारी ठाकुर का है जिनके बिना भोजपूरी साहित्य अधूरा है. इन सबके बीच हम बात उन दो चेहरों की करेंगे जो एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं. बीजेपी ने जहां एक बार फिर राजीव प्रताप रूडी पर भरोसा जताया है वहीं आरजेडी की तरफ से लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य हैं जिन्होंने अपने पिता को किडनी दान थी. किडनी दान देने की चर्चा सिर्फ इस वजह से क्योंकि लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी का परिचय जनता से कुछ इस तरह कराते हैं.

गढ़- विरासत को बचाने की लड़ाई

सारण की लड़ाई में इस गढ़ और विरासत बचाने का नारा बुलंद है. गढ़ की बात इसलिए क्योंकि 2014 और 2019 के चुनाव में बीजेपी दो बार यहां से चुनाव जीत चुकी है. राजीव प्रताप रूडी मौजूदा सांसद भी हैं. विरासत इस वजह से क्योंकि इस सीट पर लालू प्रसाद का कब्जा रहा है. 2024 का चुनाव बीजेपी और राष्ट्रीय जनता दल के लिए इस लिहाज से अगम है. 2008 में परिसीमन के बाद यह लोकसभा अस्तित्व में आया. पहले यह छपरा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था. अगर थोड़ा और पीछे चले तो 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. लेकिन 1971 के चुनाव में लालू प्रसाद ने कांग्रेस के अजेय होने की धारणा को तोड़ दिया. 2008 में परिसीमन के बाद जब सारण लोकसभा बना उस समय भी लालू प्रसाद अपना कब्जा जमाने में कामयाब रहे. हालांकि 2014 और 2019 में राष्ट्रीय जनता दल को हार का सामना करना पड़ा. 2014 में राजीव प्रताप रूडी ने लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी को हरा दिया. यही नहीं 2019 में राजीव प्रताप रुडी ने एक बार फिर आरजेडी को शिकस्त दी.

क्या रूडी पड़ेंगे भारी ?

2024 के आम चुनाव में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा. यह तो चार जून को पता चलेगा. लेकिन 2014 और 2019 के नतीजों को देखें तो राजीव प्रताप रूडी का पलड़ा भारी है. 2014 के चुनाव में रूडी तो करीब 23 फीसद और राबड़ी देवी को 20 फीसद मत मिले थे. वहीं 2019 के चुनाव में रूडी को 52 फीसद और आरजेडी प्रत्याशी को 38 फीसद मत हासिल हुए. चुनाव में आंकड़े मोटे तौर भविष्य की रूप रेखा बताते तो हैं लेकिन सियासी समीकरण में बदलाव भी होता रहता है लिहाजा यह जरूरी नहीं कि आगे की लड़ाई में इस तरह की ही तस्वीर नजर आए. सारण में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख है जिनमें 9, 36, 895 मतदाता पुरुष और 8 लाख 53 हजार मतदाता महिला हैं. इस लोकसभा में कुल 6 विधानसभा सीटें छपरा, अमनौर, परसा, मढौरा, गड़खा सुरक्षित और सोनपुर है.

राजीव प्रताप रूडी बनाम रोहिणी आचार्य

चार बार के सांसद रहे रूडी को सुखोई और राफेल जैसे लड़ाकू विमान उड़ाने में माहिर हैं, छात्र राजनीति में उनकी एंट्री चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से हुई थी. पहले विधायक और बाद में सांसद बने. लोकसभा सांसद के साथ साथ राज्यसभा का भी हिस्सा रहे और केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी रहे हैं. प्रवक्ता के तौर पर पार्टी की नीतियों को जनता के बीच रखते हैं. वहीं रोहिणी आचार्य एमबीबीएस हैं. चुनावी पारी की वो आगाज करने जा रही है. अगर पारिवारिक इतिहास की बात करें तो ये लालू प्रसाद यादव की बेटी हैं. चुनावी प्रचार में वो अपने खास अंदाज से वोटर्स को लुभाने की कोशिश में जुटी हुई हैं.

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